गाजियाबाद।साइंस डिवाइन फाऊंडेशन के अवंतिका स्थित परिसर में रविवार को मासिक ध्यान साधना शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में फाउंडेशन के संस्थापक और मार्गदर्शक साक्षी श्री ने साधकों को ध्यान की विधियां सिखाई। साथ ही इस दिन विश्व पर्यावरण दिवस होने के अवसर उन्होंने पर्यावरण की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि पेड़ों को सिर्फ हरियाली नहीं समझें बल्कि ये जान लें कि ये हमारे फेफड़े हैं। ये प्रकृति का वो उपहार हैं जो वातावरण से कार्बन डाई आक्साइड सोखकर हमें बदले में आक्सीजन देते हैं। इस मौके पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया और साधकों को भेंट में पौधे दिए गए।
साक्षी श्री ने कहा, “जीवन आनंदमय और सार्थक तब होता है जब हम प्रकृति के बीच उसके साथ एकलयता में रहते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से मानव आज प्रकृति के साथ प्रतियोगिता में है और इस पर विजय प्राप्त करने के प्रयास में है। प्रकृति से खिलवाड़ के दुष्परिणाम आज जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के रूप में प्रकट हो रहे हैं। अंटार्कटिक की बर्फ पिघल रही है जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे समुद्र किनारे बसे शहरों के डूबने का खतरा पैदा हो गया है। इसलिए मानवता का भला इसी में है कि हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ रोकें।” हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पहले इस बात को समझ लिया था। इसीलिए वैदिक काल में मनुष्यों, पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों को अलग-अलग नहीं बल्कि समग्र रूप से प्रकृति का हिस्सा समझा गया। मनुष्य को यह समझना होगा कि पर्यावरण जितना शुद्ध होगा, उतना ही स्वास्थ्य और विचार भी शुद्ध होंगे।
साइंस डिवाइन फाउंडेशन के बारे में: साक्षी श्री द्वारा स्थापित और निर्देशित, साइंस डिवाइन फाउंडेशन का उद्देश्य आध्यात्मिकता, आत्म साक्षात्कार, और ध्यान को जन-जन तक ले जाना है। यह संगठन एक नई मानवता का निर्माण करने के लिए प्रयत्नशील है जिसकी जड़ें ध्यान में हों। साइंस डिवाइन फाउंडेशन लोगों को सांसारिक सुख-सुविधाओं का त्याग किए बिना सुख और शांति से भरा जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। साक्षी श्री ने इस संगठन की स्थापना मनुष्यता को कर्मकांडों से छुटकारा दिलाकर ध्यान के जरिए आत्मज्ञान की ओर उन्मुख करने के लिए की है। साइंस डिवाइन ध्यान के प्रसार के अलावा समाज कल्याण गतिविधियों में भी संलग्न है और झुग्गी बस्तियों के वंचित बच्चों की मदद करने के लिए काम कर रहा है।