सड़कों पर गड्ढों के कारण 3 साल में 9 हजार से अधिक ने गंवाई जान…

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नई दिल्ली । सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के आंकड़ों पर गौर करें तो कहना गलत न होगा कि देश की सड़कें जिंदगियों को लील रही हैं। सड़कों की बनावट में तकनीकी खराबी और गड्ढों के कारण हुए हादसों में पिछले तीन सालों में 9,337 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री मनसुख लाल मांडविया ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में पिछले तीन कैलेंडर वर्षों 2015 से 2017 के दौरान सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभाग से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 2015 में गड्ढों के कारण कुल 10,876 सड़क हादसे हुए इनमें 3,416 लोगों की मौत हो गई। वर्ष 2016 में ऐसी कुल 6,424 दुर्घटनाएं हुईं और इनमें 2,324 को जान गंवानी पड़ी। वहीं 2017 में गड्ढों के कारण होने वाले हादसों का आंकड़ा बढ़कर 9,423 पर पहुंच गया और इसमें मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ और इस साल कुल 3,597 लोगों की मौत हुई। गड्ढों की श्रेणी में आने वाली दुर्घटनाओं के कारण मौत का यह आंकड़ा 2016 के मुकाबले 2017 में 1,273 अधिक है।

मांडविया ने बताया 

गड्ढों के कारण हुए हादसों में इस दौरान कुल 25,165 लोग घायल हुए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में 10,065 लोग, 2016 में 6,310 और 2017 में 8,790 लोग गड्ढों के कारण हादसों में घायल हुए।

उन्होंने बताया कि तीन साल में कुल 14,46,985 सड़क हादसे हुए और इसमें 4,44,831 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2015 में 5,01,423 हादसे हुए और इनमें 1,46,133 की मौत हो गई। वर्ष 2016 में 4,80,652 दुर्घटनाएं हुई और इनमें 1,50,785 की मौत हुई। वहीं 2017 में कुल 4,64,910 हादसे हुए और 1,47,913 लोगों ने जान गंवा दी।

 

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