चार हजार किलोमीटर की मारक क्षमता वाली परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल अग्नि-4 का रविवार सुबह 08.35 बजे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों के मुताबिक, सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड संख्या-4 से रविवार सुबह करीब 8:35 बजे किया गया। यह परीक्षण पूर्ण रूप से सफल रहा। परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए। सभी रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और रेंज स्टेशनों ने मिसाइल के उड़ान प्रदर्शन पर निगरानी रखी, जिसे एक मोबाइल लॉन्चर से दागा गया। अग्नि-4 मिसाइल का यह सातवां परीक्षण था।
इससे पहले सेना की सामरिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा इसी स्थान से दो जनवरी 2018 को इसका सफल परीक्षण किया गया था। चार हजार किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-4 दो चरणों वाली मिसाइल है। यह 20 मीटर लंबी और 17 टन वजनी है। इस मिसाइल में 5वीं पीढ़ी के ऑन-बोर्ड कंप्यूटर हैं। इसमें उड़ान की गड़बड़ी को ठीक करने और मार्गदर्शन करने के लिए नवीनतम सुविधाएं हैं। स्वदेश निर्मित यह मिसाइल जमीन से जमीन पर प्रहार करने में सक्षम है। इस मिसाइल को पहले अग्नि-2 के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम अग्नि-4 है। इसके परीक्षण के दौरान वहां पर डीआरडीओ से जुडे वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल मौजूद था। बीते 10 दिसम्बर को यहां से बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया गया था। इसकी क्षमता 5000 किलोमीटर है।
क्या होती है बैलिस्टिक मिसाइल
बैलिस्टिक मिसाइल उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब-आर्बिटल बैलिस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार को किसी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। यह मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारम्भिक चरण में ही केवल गाइड की जाती है। उसके बाद का पथ कक्षीय यांत्रिकी के सिद्धान्तों एवं बैलिस्टिक्स के सिद्धान्तों से निर्धारित होता है।