रूस-यूक्रेन के महायुद्ध में फंसे छात्रों को तिरंगे ने पहुंचा उनके वतन, भारतीयों ने बताई ये बात…

बुलंदशहर। यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग से खुद की जान बचाकर भारतीय छात्रों के दल अब वापस आ रहे हैं। दरअसल एमबीबीएस करने के लिए यूक्रेन गए छात्र वहां से आकर अपने परिजनों को वहां की भयावहता के बारे में जानकारी दे रहे हैं। गुलावठी के दो छात्र सकुशल अपने घर पहुंचे तो उनके चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दी। गुलावठी के चार छात्र यूक्रेन में फंसे थे। जिसमें से दो वापस आ गए हैं। जबकि दो अभी यूक्रेन में ही हैं। उन्होंने बताया कि वह यूक्रेन में तिरंगे की सुरक्षा के बीच रहे।

परिजनों की आंख में छलके आंसू

उन्होंने बताया कि युद्ध के बीच उन्हें भारत तक पहुंचने के लिए कई दिन बंकर में गुजारने पड़े। कई दिनों तक भूखों रहना पड़ा। इतना ही नहीं पैदल कई मील चले उसके बाद वे अपने घर तक पहुंच सकें हैं। अपने बच्चों को देखकर परिजनों की आंख में आंसू हैं।

गुलावठी के बुद्देखा मोहल्ला निवासी मोहम्मद जैद और मोहम्मद फरहान यूक्रेन के विनिशिया सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए थे। दोनों आपस में चचेरे भाई है, देर रात दोनों छात्र अपने घर सकुशल पहुंचे। फरहान ने बताया कि खारकीव एवं कीव जैसी सिटी में हालात अधिक खराब हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने पांच दिन और रातें एक बंकर के भीतर गुजारी। चारों तरफ धमाके और ऊपर उड़ते रुसी हवाई जहाज के बीच दहशत में रहे।

वे गत 28 फरवरी को बंकर से निकलकर बस से हंगरी बार्डर तक पहुंचे। बस में भी उन्होंने चारों ओर तिरंगा लगाया हुआ था। बस से उतरने के बाद भी उनको करीब 15 किमी तक पैदल चलना पड़ा। उसके बाद वे रोमानिया एयरपोर्ट तक पहुंचे। वहां पहुंचने पर वे जहाज से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से अपने घर गुलावठी। सकुशल वतन वापसी पर छात्रों और उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है।

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