नई दिल्ली। अमेरिका ने आतंकी मसूद अजहर को लेकर चीन को चेताया है कि वह मसूद की ढाल न बने। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने गुरुवार को एक ट्वीट कर चीन को लताड़ लगाई है। उन्होंने लिखा है, एक तरफ चीन अपने देश में मुस्लिमों को प्रताड़ित कर रहा है तो दूसरी ओर एक इस्लामिक आतंकी संगठन की संयुक्त राष्ट्र में रक्षा कर रहा है। इस मुहिम से पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में भारत के मिशन को सफलता मिल सकती है।
Met with survivors and family members of China's campaign of repression and mass detention against #Uighurs, ethnic #Kazakhs, and other members of minority groups in #Xinjiang. I call on China to end these counterproductive policies and release all arbitrarily detained. pic.twitter.com/g803O23bej
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) March 27, 2019
उल्लेखनीय है कि चीन के द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अड़ंगा लगाने के बाद अब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने खुद आगे बढ़कर इस पर काम करने का तय किया है। ये तीनों देश अब चीन को पीछे छोड़ अन्य सदस्य देशों से प्रस्ताव पर बात करेंगे और समिति पर दबाव बनाएंगे। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के दोहरेपन को लेकर भी उसे लताड़ लगाई है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर ने भारत का समर्थन किया था, तब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने ही यूएनएससी में मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की पहल की थी, लेकिन चीन के अड़ंगे के कारण ये सफल नहीं हो सका था। अब एक बार फिर तीनों देश प्रस्ताव के ड्राफ्ट को आगे बढ़ा रहे हैं। ये प्रस्ताव यूएनएससी के सभी 15 सदस्यों को दिया गया है और सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। अगर देशों की सहमति बनती है तो मसूद अज़हर पर ट्रैवल बैन, संपत्ति सीज़ होना जैसी कई कार्रवाई हो सकती है।