नई दिल्ली । काशी तमिल संगमम के तीसरे संस्करण (केटीएस) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 फरवरी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में उद्घाटन करेंगे। इसके लिए बुधवार से पंजीकरण की शुरुआत हो गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने पंजीकरण के लिए एक पोर्टल तैयार किया है। जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राजधानी में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान लांच किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन की शुरुआत 15 फरवरी को होगी और समापन 24 फरवरी को होगा। इसके जरिए काशी और तमिलनाडु के बीच एक अटूट संबंध बनेगा। मूलरूप से यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौलिक विचारों पर आधारित एक प्रेरणादायक पहल है। जिसके केंद्र में दोनों स्थानों के बीच शाश्वत संबंधों का जश्न मनाने, सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाना शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष काशी-तमिल संगमम की थीम भारत के सबसे पूजनीय संतों में से एक ऋषि अगस्त्य के नाम पर होगी। समारोह में देश के अलग- अलग उच्च शिक्षण संस्थानों (केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी और एनआईटी) के छात्र, शिक्षक, लेखक और समाज के अन्य समूह शामिल होंगे। इसमें छात्रों का आंकड़ा करीब 1200 होगा। सरकार ने इस साल तमिलनाडु से 1 हजार प्रतिनिधियों को पांच श्रेणियों में लाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत तमिल मूल के 200 छात्रों का एक अतिरिक्त समूह भी काशी-तमिल संगमम का साक्षी बनेगा। इनके दौरे की अवधि 8 दिन की होगी। पहला समूह 13 फरवरी को तमिलनाडु से रवाना होगा और अंतिम समूह 26 फरवरी को तमिलनाडु से वापस जाएगा।
2500 लोगों के समूह कार्यक्रम भी होंगे। प्रधान ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्र सरकार के शिक्षा, संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, खाद्य-प्रसंस्करण, सूचना-प्रसारण मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों और कलाकारों को एक पटल पर आने और अपने अनुभवों को आपस में साझा करने का अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी इसमें शामिल है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भारतीय ज्ञान प्रणालियों की काशी तमिल संगमम में अहम भूमिका है। आईआईटी मद्रास इस कार्यक्रम का पूर्व की तरह प्रेषक संस्थान है और बीएचयू प्राप्तकर्ता संस्थान है।