
पीलीभीत। समाज सेवा का नाम लेकर अधिकारियों के समक्ष खुद ही अपनी पीठ थपथपाने वाले लोगों की कमी नहीं है, अधिकारियों से जान पहचान बढ़ाने और उनसे काम निकालने के लिए समाज सेवा मझा हुआ शब्द है।
शहर में इसके अलावा गरीबों के उत्थान के लिए नए-नए समाज सेवी जन्म लेते रहते हैं, खास बात यह है कि अधिकारी का तबादला होते ही इनकी समाज सेवा की भावना भी खत्म हो जाती है। जनपद में तत्कालीन तेज दरबार अधिकारी रहे वैभव श्रीवास्तव के कार्यकाल के दौरान जिला अस्पताल गेट के पास कुछ जगह पर पक्का निर्माण कराया गया था, उसके बाद इस निर्माण को नेकी की दीवार का नाम दिया गया और कुछ स्लोगन भी लिखे गए।
आईएएस अधिकारी के रहते हुए गरीबों के नाम पर बनाई गई नेकी की दीवार वर्तमान में अब बड़े कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई है। यहां पर फटे पुराने कपड़ों का ढेर लगा हुआ है, वहीं अधिकारियों से वाहवाही लूटने वाले समाजसेवी दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। लावारिस की तरह पड़े पुराने कपड़े गरीबों का तो भला नहीं कर सके, मगर मगर अस्पताल गेट पर एक नया कचरे का ढेर बनाकर जरूर रह गए हैं।