बड़वानी। शहर के वैष्णवदेवी माता मंदिर के समीप शासकीय कन्या परिसर बडग़ांव से एक युवक भाई बनकर नाबालिग को अपने साथ ले गया। जब छात्रा नहीं लौटी तो हडक़ंप मंच गया। आखिर दो दिन बाद छात्रावास अधीक्षिका और परिजन कोतवाली थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई। छात्रावास से नाबालिग के कहीं चले जाने के मामले में छात्रावास अधीक्षिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी ने मामले में अधीक्षिका की लापरवाही की बात कही है। थाना प्रभारी शंकरसिंह रघुवंशी ने बताया कि अधीक्षिका ने शुक्रवार रिपोर्ट दर्ज कराई कि छात्रावास में तीन दिन पूर्व एक युवक नाबालिग छात्रा को बहन का रिश्ता बताकर ले गया। भाई बताने वाला गोंदवाड़ा-पानसेमल का है। तीन दिन पूर्व छात्रावास आया और अपने आप को छात्रावास में रहने वाली पाटी विकासखंड की एक नाबालिग का रिश्ते में भाई बताया।
घर न लौटने पर परिजों ने की छात्रा की तलाश
युवक ने छात्रा का जन्मदिन शहर में रहने वाली उसकी मौसी के यहां मनाने का निवेदन किया और उसे अपने साथ ले जाने का अनुरोध किया। इस पर छात्रावास अधीक्षिका ने छात्रा के पिता को फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। आखिर युवक की विनती करने पर छात्रा को जाने की अनुमति दे दी। इसके बाद रात में जब छात्रा नहीं लौटी तो अधीक्षिका ने उसके परिजन से संपर्क कर पूछा की छात्रा वहां तो नहीं आई। इसके बाद शुक्रवार को परिजन के साथ अधीक्षिका ने थाने में युवक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
अधीक्षिका का बोलने से इंकार
कोतवाली थाने में परिजन के साथ एफआइआर दर्ज करवाने पहुंची छात्रावास की अधीक्षिका ने मीडिया से कुछ भी कहने से इंकार किया। विभाग के अधिकारी के अनुसार छात्रावास में 400 से अधिक छात्राएं आवास करती हैं, उनकी सुरक्षा की जि मेदारी अधीक्षिका की ही होती है। छात्रावास से बिना परिजनों की सहमति से भाई बताने वाले युवक के साथ नाबालिग छात्रा को भेजना गलत है।
अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है
वह भी शाम के समय बाहर भेजना नियम विरुद्ध है। इस मामले में प्रथम दृष्टया सीधे तौर पर अधीक्षिका की लापरवाही कही जा सकती है। घटना से पांच दिन पूर्व ही अधीक्षिका ने प्रभार संभाला था। मामले की जांच कर रहे है। अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।