नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में शुक्रवार को जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें विधेयक में प्रस्तावित बदलावों का गहराई से अध्ययन करने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया। बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे थे। इस बैठक का उद्देश्य कश्मीर के धार्मिक नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल की राय सुनना था।
बैठक में तीखा हंगामा: क्या हुआ?
विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि विधेयक को जल्दबाजी में पारित कराने का दबाव बनाया जा रहा है। उनका कहना था कि भाजपा दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए जल्द रिपोर्ट स्वीकार करना चाहती है।
बैठक के दौरान तीखी बहस हुई और कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन विरोध स्वरूप बैठक से बाहर चले गए। उन्होंने मीडिया से कहा कि समिति की कार्यवाही अब ‘तमाशा’ बन गई है।
TMC सांसद का बयान:
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा:
“बैठक में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है। समिति के अध्यक्ष किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं। हमें पहले बताया गया था कि बैठक 24 और 25 जनवरी को होगी। अब अचानक से एजेंडे को बदला गया है और खंडवार चर्चा खत्म कर दी गई है।”
सांसदों को किया गया सस्पेंड
बैठक में हंगामे और अव्यवस्था के चलते 10 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। इन सांसदों में प्रमुख नाम हैं:
- कल्याण बनर्जी
- मोहम्मद जावेद
- ए राजा
- असदुद्दीन औवेसी
- नासिर हुसैन
- मोहिबुल्लाह
- मोहम्मद अब्दुल्ला
- अरविंद सावंत
- नदीम-उल-हक
- इमरान मसूद
विपक्ष का आरोप: भाजपा दबा रही है आवाज
बीजेपी की ओर से सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
मीरवाइज उमर फारूक का बयान
मीरवाइज ने बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत में वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा:
“धर्म के मामलों में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। हमारा प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर विस्तृत ज्ञापन लेकर आया है, जिसमें वक्फ से जुड़ी चिंताओं का समाधान सुझाया गया है। उम्मीद है, सरकार हमारे सुझावों पर अमल करेगी।”
जम्मू-कश्मीर का परिप्रेक्ष्य:
मीरवाइज ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि वक्फ एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा:
“जम्मू-कश्मीर में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल है। ऐसे किसी कदम से बचना चाहिए, जिससे यहां की स्थिति और खराब हो।”
जेपीसी की अब तक की कार्यवाही
वक्फ बिल पर जेपीसी ने अब तक देशभर में 34 बैठकें की हैं, जिनमें 107 घंटे से अधिक चर्चा हुई है। समिति की अगली बैठक 27 जनवरी को होगी। रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर फरवरी के पहले सप्ताह में संसद में पेश करने की योजना है।
विधेयक की प्रमुख आपत्तियां
- जिला कलेक्टरों को विवादित संपत्तियों पर निर्णय लेने का अधिकार।
- गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड का सदस्य बनाने का प्रस्ताव।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का आरोप।