निघासन/लखीमपुर । आये दिन किसी न किसी प्राइवेट अस्पतालो में कहीं नवजात शिशु की मौत तो कहीं प्रसूता की व कहीं प्रसूता व नवजात शिशु दोनों की मौतें की खबरें शोशल मीडिया व समाचार पत्रों मे आए दिन देखने को मिलती रहती है।परंतु अभी तक संबंधित जिम्मेदार अधिकारियो के द्वारा कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे निजी हास्पिटल कुकुरमुत्ते की तरह जगह जगह फैल रहे हैं। बता दे निघासन क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की शह पर बिना मानकों के आधार पर पनपे और पनप रहें निजी हास्पिटल प्रबंधन आये दिन हो रही जच्चा-बच्चा की मौतों पर अपनी तिजोरी का वजन बढ़ाने का काम करते चले आ रहे हैं। अगर कभी भी ऐसे निजी हास्पिटल संचालक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के लिए शिकायत होती हैं।
तो वह महज दिखावटी रुप में कुछ दिनों तक सीज जरुर कर दिया जाता हैं। फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के आशीर्वाद से सीज हुए निजी हास्पिटलों के नाम बदल कर ताले खुलते देर नहीं लगती।बड़ी विडम्बना यह हैं कि फिर से सीज हुए निजी हास्पिटलों के तालों के साथ-साथ वहीं अनपढ़, अज्ञानी, बिना प्रशिक्षित चिकित्सकों के चेहरें देखने को जरुर मिल जाते हैं। यही नही निजी हास्पिटलों के बाहर विवाहित व अविवाहित महिलाओं व लड़कियों की लम्बी-लम्बी फौज भी बैठी रहती हैं।
कस्बा सहित कस्बें के झण्डी, ढखेरवा, रमियाबेहड़, सिंगाही, सिंगहाकलां, बेलरायां, तिकुनियां आदि गांवों में भी तमाम ऐसे निजी अस्पतालों के शिलान्यास सफेद पोश नेताओ के द्वारा किये जा चुके हैं जो बिना बेरोकटोक के संचालित हो रहे हैं। बताया जाता है इसमें कहीं न कहीं सत्तापक्ष के बड़े-बडे सफेद पोश नेताओं का भी रहम-करम बना रहता हैं। वहीं इन निजी हास्पिटलों के गेट के बाहर लगे प्रचार प्रसार के लिए बोर्ड पर महिला डाक्टर सहित दर्जनों एमबीबीएस डाक्टरों के नाम लिखे होते हैं जो उस निजी हास्पिटलों की मात्र शोभा बढ़ाने का काम करते हैं।और यदि कोई बोर्ड पर लिखे डाक्टरों से मिलना चाहें तो उसे उस समयकाल पर वहां मौजूद नहीं रहने की बात बताई जाती हैं।
मामले पर होगी जल्द कार्रवाई
सीएचसी प्रभारी निघासन पी के रावत ने बताया कि इस प्रकार के निजी अस्पतालो पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।