जब भी कोई व्यक्ति कैंसर का नाम सुनता है, तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते है. जी हां कैंसर है ही ऐसी बीमारी कि इसका नाम सुन कर कोई भी व्यक्ति घबरा जाता है. हालांकि यह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है. अब यूँ तो किसी भी तरह का कैंसर होना शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है. मगर आज हम पेट के कैंसर के बारे में बात करने वाले है. गौरतलब है कि आज के समय लोगो की दिनचर्या कुछ इस तरह की हो गई है, कि उन्हें छोटी सी उम्र में ही कई तरह की बीमारियां घेर लेती है.
ऐसे में इंसान को कैंसर होने के पीछे उनकी लाइफस्टाइल का भी बहुत बड़ा हाथ है. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पेट में कैंसर होने के शुरुआती लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है. जी हां एक अध्ययन के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के सीने में तीन हफ्ते से ज्यादा जलन रहे या उसे भोजन निगलने में तकलीफ हो तो ऐसे में आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए. हालांकि ज्यादातर लोग पेट के शुरुआती लक्षणों के बारे में नहीं जानते. जिसके कारण उनके पेट का कैंसर बढ़ जाता है. गौरतलब है कि पेट के कैंसर के लक्षणों को जितनी जल्दी पहचान लिया जाएँ, इसका इलाज करना उतना ही आसान हो जाता है.
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कभी कभी पेट के शुरुआती लक्षण पहचानना काफी आसान होता है. जैसे कि तीन हफ्ते से ज्यादा पेट में अपच रहना, खाना निगलने में परेशानी होना, बिना किसी वजह के वजन कम होना, ज्यादा डकार आना या खाना खाते हुए पेट जल्दी भर जाना, उलटी आना या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना और असुविधा महसूस होना आदि पेट के कैंसर के लक्षण होते है. इसके इलावा एक शोध के अनुसार यह भी पता लगाया गया है, कि लोग पेट के कैंसर के इन शुरुआती लक्षणों पर आखिर ध्यान क्यों नहीं देते. दरअसल कुछ लोग कैंसर की पुष्टि करने से ही डरते है. जिसके कारण वो इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते.
इसके इलावा कुछ लोग ऐसे होते है, जो अपनी स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों पर बात ही नहीं करना चाहते. वही कुछ लोगो का मानना है, कि बढ़ती उम्र के कारण ऐसी समस्याएं होना लाजिमी है. ऐसे में हम उम्मीद करते है कि इस जानकारी को पढ़ने के बाद लोग पेट के कैंसर को लेकर लापरवाही नहीं बरतेंगे और अपना इलाज सही तरीके से करवाएंगे. वैसे भी पेट का कैंसर काफी खतरनाक होता है. ऐसे में ये जरुरी है कि इस कैंसर से बचने के लिए लोगो को सावधानी जरूर बरतनी चाहिए और इसके शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए. अब हम तो यही उम्मीद करते है कि कभी किसी को ऐसी कोई बीमारी न हो जिसके कारण आपकी जान चली जाएँ.