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अंकुर त्यागी
लखनऊ डेस्क : 14 फरवरी से डब्लूपीएल का आगाज़ हो चुका है , कल शनिवार को दिल्ली और मुंबई के बीच रोमांचक मैच खेला गया,हालाँकि मैच दिल्ली ने अपने नाम किया लेकिन कल का मैच सुर्खियों में रहा। कल खेले गए मैच में आखिरी के तीन ओवर विवादस्पद रहे क्योंकि आखरी तीन ओवर में अम्पायर द्वारा दिए गए निर्णय सवालो के घेरे में हैं ,बताते चले के कल वडोदरा में दिल्ली और मुंबई के बीच मुकाबले में मुंबई ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 164 रन बनाये और लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली की टीम ने आखरी गेंद पर जीत हासिल की, मैच के आखरी तीन ओवर में कुछ ऐसा घटित हुआ की अम्पायर सवालों के घेरे में है।
आपको बता दें कि दिल्ली ने 164 रन तक पहुंचते पहुंचते अपने 8 विकेट गवाँ दिए थे ,आखरी तीन ओवर में मुंबई ने दिल्ली के तीन बल्लेबाज़ों को रनआउट किया लेकिन थर्ड अम्पायर गायत्री वेणुगोपालन ने केवल एक बल्लेबाज़ को ही रनआउट दिया जो थी शिखा पांडेय और बाकि दो बल्लेबाज़, अरुंधति और राधा यादव को अम्पायर ने नॉटआउट करार दिया। तीनों ही रनआउट में अम्पायर ने बेल्स पर लगी लाइट को नज़रअंदाज़ किया,क्योंकि जब मुंबई के खिलाडी द्वारा रनआउट के लिए गेंद स्टंप पर मारी गयी तब बल्लेबाज़ क्रीज़ से बाहर थीं और तब स्टंप पर लगी लाइट जल चुकी थी। लेकिन ऐसा लगता है कि अम्पायर ने लाइट्स पर ध्यान ही नहीं दिया।
क्या कहता है नियम – जब तक स्टंप या बेल्स की लाइट न जले तब तक विकेट गिरे हुए नहीं माने जाएंगे। इसी को लेकर अंपायरिंग पर सवाल उठ रहे हैं, की जब स्टंप के ऊपर लगी लाइट बल्लेबाज़ के पहुँचने से पहले जल चुकी थी तो फिर नॉटआउट क्यों दिया गया।
पूर्व कोच ने अम्पायर पर साधा निशाना
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कोच और रॉयल चैलेंजर बंगलौर पुरुष टीम के कोच ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “मुझे नहीं पता कि आज अंपायर ने ये फैसला कैसे किया कि बेल्स की लाइट जलना मायने नहीं रखेगा। एक बार जब बेल्स का लाइट कनेक्शन फेल हुआ इसका मतलब है कि विकेट गिर गए। ये प्लेइंग कंडीशंस में लिखा है। आखिरी 10 मिनट में काफी कन्फ्यूजन देखी।”