• यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अवैध सिगरेट का व्यापार 2022 में 3020 करोड़ तक पहुँच गया था, जो केवल चीन और ब्राजील से पीछे था।
• रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार को 2022 में अवैध तम्बाकू के कारोबार की वजह से 13,331 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो 2012 में 6,240 करोड़ रुपये के मुकाबले 46 प्रतिशत ज्यादा था।
नई दिल्ली 17 अगस्त 2024: इस स्वतंत्रता दिवस पर, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) के भारत सहयोगी, आईपीएम इंडिया ने भारत के आर्थिक हितों और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए तंबाकू के अवैध व्यापार को रोकने की अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की।
तंबाकू का अवैध व्यापार पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती और खतरा है। भारत में पिछले सालों में तंबाकू के अवैध व्यापार में काफी वृद्धि दर्ज हुई है, जो समय के साथ बढ़ती चली जा रही है। 2022 के फिक्की कैस्केड अध्ययन के अनुसार भारत में गैरकानूनी सिगरेट का बाजार ₹22,930 करोड़ होने का अनुमान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार को 2022 में अवैध तम्बाकू के कारोबार की वजह से 13,331 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो 2012 में 6,240 करोड़ रुपये के मुकाबले 46 प्रतिशत ज्यादा था। टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (TII) के अनुसार, भारत में सिगरेट का एक-चौथाई व्यापार गैरकानूनी रूप से होता है, जिसमें विदेशों से तस्करी करके लाए गए और टैक्स चोरी करके स्थानीय स्तर पर निर्मित सिगरेट शामिल हैं।
हाल ही में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023-2024 में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कई भारतीय शहरों से गैरकानूनी सिगरेट जब्त किए। गुवाहाटी में, कस्टम अधिकारियों और रेलवे अधिकारियों ने विभिन्न अवसरों पर 11 लाख से अधिक सिगरेट जब्त किए, वहीं असम राइफल्स द्वारा भी जब्ती की गई। विशाखापत्तनम में पुलिस और कस्टम अधिकारियों द्वारा 21 लाख से अधिक सिगरेट जब्त किए गए, जबकि विजयवाड़ा में 75 बॉक्स के साथ 103 लाख से ज्यादा सिगरेट ज़ब्त हुए।
हैदराबाद पुलिस बल द्वारा 267 कार्टन और 4.5 लाख सिगरेट जब्त की गईं। इसके अलावा, लखनऊ के कस्टम अधिकारियों ने 2.12 लाख से अधिक सिगरेट और बड़ी संख्या में पैक एवं बॉक्स जब्त किए। साथ ही, कालीकट एयरपोर्ट, फरीदाबाद, अमृतसर और इंदौर में भी कस्टम अधिकारियों, पुलिस और डीआरआई ने कई जगह छापे मारे। पुणे और सिलचर, रायपुर, सूरत और अहमदाबाद में डीआरआई द्वारा 85 लाख से अधिक सिगरेट जब्त किए गए।
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अवैध सिगरेट का व्यापार 2022 में 3020 करोड़ सिगरेट्स तक पहुँच गया था, जो केवल चीन और ब्राजील से पीछे था। विश्व में अवैध व्यापार एक बड़ी चुनौती और खतरा है। केपीएमजी 2022 वार्षिक अध्ययन ‘यूरोप, यूके, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, मोल्दोवा और यूक्रेन में अवैध सिगरेट का उपयोग’, जो फिलिप मॉरिस प्रोडक्ट्स एसए द्वारा कमीशन किया गया था, में खुलासा हुआ कि अकेले यूरोप में 3580 करोड़ अवैध सिगरेट का उपयोग किया गया, जिससे सरकारों को अनुमानित €1130 करोड़ टैक्स राजस्व का नुकसान हुआ,
जो 2021 के मुकाबले 8.5% ज्यादा था। यूरोप में अवैध बाजार की वृद्धि नकली उत्पादों के लगातार बढ़ते उपयोग के कारण थी, जो अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुंच गई थी। गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर नकली उत्पादों का उपयोग (61.5%) फ्रांस में किया गया।तम्बाकू के अवैध व्यापार के बारे में आईपीएम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, नवनील कर ने कहा, “हम लंबे समय से अवैध व्यापार को खत्म करने पर केंद्रित हैं। यह ऑपरेशनल एक्सीलेंस लाने और एक सस्टेनेबल भविष्य बनाने के हमारे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विश्व में अवैध व्यापार रोकने के लिए पीएमआई की रणनीति 5 महत्वपूर्ण क्षेत्रों – अनुसंधान और खुफिया जानकारी, आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा, साझेदारी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग और जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। हम जब्त किए गए उत्पादों का निरीक्षण और प्रमाणीकरण करके तथा फोरेंसिक मूल्यांकन करके कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग करते हैं। इसके अलावा, हम अवैध उत्पादों की प्रोफ़ाइलिंग करते हैं, नए विकसित होते मार्गों और कालाबाजारी के आकार लेते रुझानों की खुफिया जानकारी देते हैं, तथा अधिकारियों को उन इनोवेटिव प्रमाणीकरण एवं सुरक्षा विशेषताओं का प्रशिक्षण देते हैं, जिनका उपयोग हम अपने उत्पादों की सुरक्षा के लिए करते हैं।
“उन्होंने कहा, “भारत में भी हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग करके तंबाकू के अवैध व्यापार के बारे में शिक्षा और जागरूकता बढ़ाते हैं। अवैध व्यापार को रोकने के लिए सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज द्वारा समावेशी दृष्टिकोण के आधार पर सार्वजनिक-निजी साझेदारियां आवश्यक हैं।
नकली उत्पादों को पहचानने और उनकी निगरानी के लिए इंटरकनेक्टेड सिस्टम और आधुनिक टेक्नोलॉजी जैसे डिजिटल रूप से सत्यापित ट्रैक-एंड-ट्रेस सिस्टम, होलोग्राम, क्यूआर कोड और आरएफआईडी टैग आदि की जरूरत है। जैसे-जैसे भारत विश्व में आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अवैध व्यापार पर लगाम लगाने और एक सुरक्षित भविष्य के निर्माण की दिशा में कठोर उपाय किया जाना आवश्यक हो गया है।