नई दिल्ली । राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसमें कांग्रेस की अंदरुनी कलह एक बार फिर सामने आ सकती है। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि, “सोनिया गांधी जी (कांग्रेस) अध्यक्ष बनने के बाद, उन्होंने पहला निर्णय मुझे मुख्यमंत्री बनाने का लिया। मैं सीएम उम्मीदवार नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे सीएम के रूप में चुना… मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद यह मुझे नहीं छोड़ रहा है और यह मुझे छोड़ेगा भी नहीं,”।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का ने कहा कि, ”देश में क्या हो रहा है? जिस तरह से न्यायपालिका पर दबाव डाला जा रहा है, ED, इनकम टैक्स और CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है, किसी भी पार्टी की सरकार हो, लोकतंत्र में यह दृष्टिकोण उचित नहीं कहा जा सकता है। ” आचार संहिता की घोषणा के बाद भी आप विपक्षी दलों पर छापेमारी करवा रहे हैं।”
अलाकमान का फैसला स्वीकार होगा- अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि अलाकमान का फैसला जो भी होगा वह सबको स्वीकार होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार सीएम बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, ” मैंने पहले भी कहा था, कि मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है। फिलहाल कांग्रेस अलाकामन का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा.
भूलो और माफ करो’- सीएम गहलोत
गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर भी बयान दिया और साथ ही उन्होंने साथी नेता के साथ मतभेदों की पृष्ठभूमि में कहा कि ‘भूलो और माफ करो’ की नीति पर अमल किया है।
टिकट का आधार बताया
टिकटों के बंटवारे के संदर्भ में अशोक गहलोत ने कहा कि जीत की संभावना ही उम्मीदवारी का मुख्य आधार होगा।
एजेंसियों के दुरुपयोग पर गहलोत ने कह दी बड़ी बात
गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष को अपना शत्रु समझते हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह भी किया कि वह देश में सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाएं।
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