
प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज के अतरसुईया के रहने वाले 84 वर्षीय सतपाल डैंग का निधन हो गया है, फिर भी उनकी आंखें दुनिया देखेंगी। क्योंकि जब वह जीवित थे तभी अपने परिवार वालों को यह कह चुके थे कि उनकी मौत के बाद उनकी आंखें किसी नेत्रहीन के लिए दान कर दी जाएं। परिवार वालों ने ऐसा ही किया।
मनोहर दास नेत्र संस्थान के आई बैंक में नेत्रदान कर दिया। अस्पताल के डायरेक्टर और वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. एसपी सिंह और उनकी टीम ने दो नेत्रहीनों को बुलाकर कार्निया प्रत्यारोपण कर दिया है। सतपाल डैंग की दोनों आंखें उनकी मौत के बाद जिंदा हैं। कार्निया प्रत्यारोपण में आई बैंक की प्रभारी डॉ. क्षमा द्विवेदी, डॉ. जितेंद्र, डॉ. योगिका सिंहमर और डॉ. शफी चोपड़ा का सहयोग रहा।
आई बैंक में करे नेत्रदान
नेत्रदान कोई भी कर सकता है। मनोहर दास नेत्र संस्थान में इसके लिए आई बैंक स्थापित है। जीवित रहते नेत्रदान के लिए फार्म भरकर अपनी स्वीकृति दी जाती है या मरणोपरांत परिवार के लोग आई बैंक में नेत्रदान करने की सूचना दे सकते हैं। आई बैंक की टीम मौके पर पहुंचकर मृत व्यक्ति की सुरक्षित आंखें निकालती हैं।
वहीं डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि आई बैंक 24 घंटे खुला रहता है। इसके लिए 9451762902 और 9807477789 पर कॉल करके नेत्रदान की सूचना दी सकती है। बता दें कि आई बैंक में कार्निया प्रत्यारोपण के लिए बड़ी संख्या में आवेदन हैं लेकिन नेत्रदान न होने की वजह से उनका कार्निया प्रत्यारोपण नहीं हो पाता है।