अयोध्या। श्री राम जन्म भूमी अयोध्या नगरी के दर्शक कर लोगों का जीवन धन्य हो जाता हैैैैैै। इसी बीच एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देख आपके होश उठ जाएंगे, श्री राम जी की नगरी अयोध्या में गंगा, जमुनी सौहार्द के बीच एक बड़ी मिसाल देखने को मिला है, जब बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने मस्जिद और ईदगाह ऊपर नमाज अदा किया, वही अयोध्या के मठ मंदिरों में अक्षय तृतीया के पावन दिन को लेकर लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हुए थे और श्री राम लला के मंदिरों में भव्य आयोजन भी किया । ऐसे शुभ मौके पर एक बार फिर से अयोध्या के इस धरती से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसे देख आप खुद कह देंगे की जाति- धर्म में कुछ भी नहीं रखा है ये तो हम और आप ने ही बना रखा है। वो तस्तवीर ये है कि राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी इकबाल अंसारी के घर पहुंच गए। उन्हें ईद की बधाईयां दी और अक्षय तृतीया की शुभकामना भी पेश किया।
अयोध्या में आज भी जिंदा है सौहार्द परंपरा- पुजारी सत्येंद्र दास
राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या में हम लोगों के बीच यह संबंध पूर्व से चलता आ रहा है। मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर भी हमारी गुरु और इनके पिता दोनों एक साथ बैठकर कचहरी भी जाते और मुकदमा लड़ते रहे हैं। और जब हमारे इस विवाद को लेकर फैसला आया तभी हम लोग एक साथ बैठकर उस फैसले को दिल से स्वीकार किया। हिंदू धर्म के मुताबिक अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम की जयंती भी मनाई गई थी, तो वहीं मुस्लिम समाज के द्वारा ईद का पर्व मनाया गया। इसलिए इकबाल अंसारी के घर पहुंच कर उन्हें ईद की बधाई दी है इसके साथ ही अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती का आशीर्वाद भी दिया है।
इकबाल के घर पर फूलों से सत्येंद्र दास का स्वागत
वही इकबाल अंसारी ने राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का स्वागत करते हुए फल खिलाया और मुबारकबाद दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या धर्म की नगरी है जहां पर हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी रहते हैं एक तरफ जहां सरयू नदी है हनुमान जी का मंदिर है तो वहीं मस्जिद और मजारे भी हैं। हम लोग हमेशा अयोध्या के साधु-संतों के बीच रहते हैं हमारे अयोध्या की एक टाइम है दोनों समुदाय के बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ यही कारण है कि हम लोग एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं।
जानकारी के मुताबिक अयोध्या में किसी भी मजहब को लेकर कोई भेदभाव नहीं है इसी को लेकर आचार्य सत्येंद्र दास जी हमारे घर पर आए हुए थे उन्होंने ईद की बधाई दी और अक्षय तृतीया का आशीर्वाद दिया । वहीं हमने भी उन्हें फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया है।