दीनू गैंग में तीन भाजपा नेता, लेकिन कार्रवाई से परहेज…भाजपा में गुंडों और हिस्ट्रीशीटरों का झुंड

 


 
– कई हिस्ट्रीशीटरों की मौजूदगी को लेकर पार्टी में दो-फाड़
– मोदी से दागी नेताओं की मुलाकात लेकर उठे थे सवाल
– गैंगस्टर में तीन नेताओं पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

आलोक पाण्डेय
कानपुर। शुचिता और पवित्रता की बुनियाद पर स्वच्छ राजनीति का दावा करने वाली भाजपा में दागी नेताओं का झुंड बेखौफ मौजूद है। हिस्ट्रीशीटरों के साथ पार्टी में अब गैंगस्टर भी शामिल हैं, लेकिन बेदखली करने के पार्टी नेतृत्व को परहेज है। तमाम गंभीर मुकदमों में नामजदगी के बावजूद दागियों पर मेहरबानी बरकरार थी। भू-माफियाओं के गैंग में पार्टी के चमकते-दमकते चेहरों का नाम आया तो संगठन के अंदर तमाम सवाल उठे, लेकिन श्रीराम की कृपा से किसी पर कार्रवाई की गाज नहीं गिरी। अब गैंगस्टर के एक्शन के बाद गिरफ्तारी की नौबत है तो एक बारगी फिर पार्टी के अंदर और बाहर चकल्लस शुरू हो गई है। क्षेत्रीय कमेटी को कार्रवाई के लिए जिला इकाइयों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। दावा है कि, दागियों की सदस्यता के मसले पर अंतिम निर्णय प्रदेश आलाकमान करेगा।

नारायण संग दीपक और अमन-रचित
फिलवक्त कानपुर की भाजपा टोली की तफ्तीश करने पर चार चेहरे नजर आए, जोकि भूमाफिया गैंग के सक्रिय सदस्य के तौर पर पुलिस रिकार्ड में दर्ज हैं। गैंगस्टर भाजपाई के रूप में पहला नाम नारायण सिंह भदौरिया का है, जोकि पहले भी कई मुकदमों में नामजद है। ऑपरेशन महाकाल के दरमियान, दक्षिण शहर के थानों में दर्ज एफआईआर में नारायण सिंह भदौरिया का नाम सामने आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। पड़ताल में मालूम हुआ था कि, अतीत में पुलिस अभिरक्षा से अभियुक्त को भगाने के बाद पार्टी से बेदखल हुए नारायण सिंह भदौरिया को चोरी-चुपके ग्रामीण इकाई से दाखिल किया गया था। दूसरा नाम अधिवक्ता दीनू उपाध्याय गैंग के सक्रिय सदस्य दीपक जादौन है, जोकि दक्षिण जिला इकाई में किसी वक्त किसान मोर्चा में सह मीडिया प्रभारी था। पार्टी में गैंगस्टर के रूप में तीसरा नाम अमन शुक्ला उर्फ महेश्वरी प्रसाद है, जोकि युवामोर्चा की क्षेत्रीय कमेटी में पदाधिकारी रह चुका है। चौथा नाम रचित पाठक है, जोकि वर्तमान में सक्रिय कार्यकर्ता है और कन्नौज विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

हिस्ट्रीशीटरों पर अपनी ढपली-अपना राग
हिस्ट्रीशीटरों और सजायाफ्ता मुल्जिमों की पार्टी के अंदर मजबूत मौजूदगी को लेकर पार्टी के किरदारों में मतभेद हैं। पुरातन पदाधिकारी और कार्यकर्ता किसी भी सूरत में दागियों को संगठन में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। नए दौर के नेताओं का तर्क है कि, यदि दागदार अतीत के कारण अमुक की हिस्ट्रीशीट खुली है तो उसे समाज की मुख्यधारा में आने का मौका मिलना चाहिए। गौरतलब है कि, कद्दावर नेता वीरेंद्र दुबे, प्रदेश कमेटी के भूतपूर्व पदाधिकारी अरविंदराज त्रिपाठी और जिलास्तरीय नेता संदीप ठाकुर की हिस्ट्रीशीट और पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम पाण्डेय के पुत्र राजबल्लभ पाण्डेय के आपराधिक इतिहास को लेकर अक्सर चकल्लस होती रहती है।

अभी तय नहीं कि कौन करेगा कार्रवाई
पार्टी संगठन में दागियों के झुंड पर कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति है। क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल कहते हैं कि, जिला कमेटियों से दागियों के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा। प्रदेश कमेटी की संस्तुति पर कोई कार्रवाई होगी। उत्तर जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहाकि, दो-तीन में संपूर्ण जानकारी बटोरकर साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट भेजी जाएगी। दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह के मुताबिक, सभी दागी ऑनलाइन सदस्यता के जरिए कार्यकर्ता बने होंगे, ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर होना चाहिए, जल्द ही विस्तृत जांच रिपोर्ट क्षेत्रीय कमेटी को भेजी जाएगी।

कोट्स…
कानपुर में पार्टी संगठन में गैंगस्टर की मौजूदगी की जानकारी नहीं है। रिपोर्ट तलब करने के बाद ऐसे लोगों को पार्टी से तत्काल बेदखल किया जाएगा।
धर्मपाल सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री, भाजपा 

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