लखनऊ से आये तीन डिप्टी डायेरेक्टरो की कमेटी ने किया पीएम आवासो का सत्यापन

अमित शुक्ला 
बिना जाब कार्ड के कैसे स्वीकृत हो गये आवास, डायेरेक्टर ने लगाई फटकार कहा होगी दर्ज रिपोर्ट 
लाभार्थी ने कहा साहब ये जाबकार्ड क्या होता है हमारे पास नही है, किसी लाभार्थी के पास नही मिला जाब कार्ड 
सफीपुर उन्नाव। पीएम आवास आवंटन और निर्माण मे व्यापक धांधली की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिये जिस पर ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से तीन डायेरेक्टरो की कमेटी जांच करने सफीपुर ब्लाक पहुची और सफीपुर ग्रामीण मे जांच सत्यापन संयुक्त रुप से किया।जबकि अन्य चार गावो मे टीम अलग अलग पहुची और जांच सत्यापन किया। दौरान जांच लाभार्थियो के पास जाबकार्ड न होने पर डीसी ने जमकर लगाई फटकार और प्रधान व सचिव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का अल्टीमेटम दिया। लखनऊ की जांच टीम देख ब्लाक मे हडकंप और अफरा तफरी का माहौल बना रहा।
बताते चले कि ब्लाक सफीपुर क्षेत्र मे पीएम आवासो के चयन एवं निर्माण मे व्यापक धांधली और अनियमितताएं बरती जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई थी श। जिस पर आयुक्त ग्राम्य विकास ने तीन सदस्यीय डायेरेक्टर की टीम बनाकार जांच ले लिये भेजा। जिसमे डिप्टी कमिशनर आरएन सिंह कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास लखनऊ, अजय प्रकाश डीसी मनरेगा लखनऊ, अजित कुमार श्रीवास्तव डीसी कार्यालय ग्राम्य विकास आयुक्त लखनऊ को जांच टीम मे शामिल किया गया। टीम के साथ पीडी जनार्दन सिंह, वीडीओ साधना दिक्षित और सम्बन्धित ग्राम पंचायतो के सचिव मौजुद रहे ।
बुधवार को दोपहर मे टीम ब्लाक पहुची जहाँ हडकंप मच गया आनन फानन मे अभिलेख एकत्ठा किये जाने लगे और सर्व प्रथम जांच टीम सफीपुर ग्रामीण के उच्च प्राथमिक विद्दालय मे टीम पहुची जहाँ कुछ मौजुद लाभार्थियो से पुछतांछ की। उसी समय एक लाभार्थी बाल गोविंद पुत्र धुन्नी से जैसे ही पुछा गया कि आवास मे मजदूरी का पैसा मिला तो उसने नकार दिया और मजे की बात ये रही कि जब डायेरेक्टर ने पुछा कि जाब कार्ड तुम्हारा बना है क्या तुम्हारे पास है त्यो ही उस लाभार्थी ने तपाक से कहा साहब ये जाब कार्ड क्या होता है । इतना सुनते ही अधिकारियो की त्योरियां चढ़ गई और वहाँ मौजुद सभी लाभार्थियो से पुछा कि किसके पास जाब कार्ड है तो सबने बोला जब कार्ड नही है। बस क्या था डायरेकटर ने फटकार लगाते हुये कहा कि जब लाभार्थियो के पास जाब कार्ड नही तो फिर आवास स्वीकृति कैसे हो गये। उन्होने प्रधान व सचिव को जमकर लताड़ लगाते हुये कहा कि दोनो पर रिपोर्ट दर्ज होगी।
इसी समीक्षा जांच के बाद निर्मल नगर नट बस्ती मे लाभार्थियो के आवासो का सत्यापन करने पहुचे जहाँ भी कई आवास अधूरे बिना प्लास्टर के मिले वहाँ भी गन्दगी देख फटकार लगाई और कई पात्रो को चयन न किये जाने और आवास न दिये जाने पर भी नाराजगी जताई और गन्दगी पर भड़के कहा कोई योजना का लाभ उचित और आवश्यकता जगहो पर न दिये जाने पर भी नाराजगी जताई । उधर तमाम पात्र लाभार्थियो ने अपनी अपनी झोपड़िया भी दिखाई कहा प्रधान ने आवास नही दिया है। अधिकारियो ने पात्र लाभार्थियो का नाम शामिल करने के आदेश भी दिये।
 इसके बाद टीम ब्लाक मुख्यालय पहुची और वहाँ से तीन अलग अलग टीमे जांच सत्यापन के लिये रवाना हो गई जिसमे एक टीम ने जमाल नगर, पखरौरा, दूसरी ओसिया और तीसरी खरगौरा जांच करने के लिये रवाना हो गई ।

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