शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के MLA माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार करने के बाद जांच एजेंसी ED ने बड़ा दावा किया है। ED ने कहा- माणिक के बोर्ड अध्यक्ष रहते 58 हजार नियुक्तियां हुई, जिनमें पैसे लिए गए। जांच एजेंसी ने दावा किया कि माणिक के मोबाइल में DD और RK नाम से दो नंबर मिले हैं, जिनकी फर्जीवाड़े में संलिप्तता है।
ED ने बैंकशाल कोर्ट में कहा- हमें इन दो नंबरों की जांच करनी है। शिक्षक भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड माणिक ही है। माणिक ने पार्थ समेत कई नेताओं के कहने पर फर्जी तरीके से लोगों को नौकरी दी। अभ्यर्थियों ने माणिक के परिवार में भी पैसे ट्रांसफर किए हैं, इसलिए जांच का दायरा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।
2011 में बने थे प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष
बंगाल में तृणमूल सरकार आने के बाद माणिक भट्टाचार्य को 2011 में प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। जून 2022 में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आने के बाद उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट ने पद से हटाने का निर्देश दिया था। मामले की जांच हाईकोर्ट ने CBI को सौंपी थी।
ED की रडार पर कैसे आए माणिक भट्टाचार्य?
साल 2014 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा में 269 लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी का मामला हाईकोर्ट गया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए। CBI ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया, जिसके बाद ED की एंट्री हुई। ED ने पहले पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ को अरेस्ट किया और फिर माणिक को पूछताछ के लिए बुलाया।
इधर, CBI की जांच भी जारी रही। माणिक ने बीमारी की बात कहकर CBI जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके बाद CBI कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी हो गया। माणिक वारंट के खिलाफ पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने माणिक को अंतरिम राहत दी, जिसके बाद ED एक्टिव हो गई। 10 अक्टूबर को ED ने माणिक को पूछताछ के लिए बुलाया और 11 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने लगाए चोर-चोर के नारे
बैंकशाल कोर्ट ने 11 अक्टूबर को माणिक को 14 दिनों के लिए कस्टडी में भेजा। वहीं जिस वक्त ED माणिक को कोर्ट ले जा रही थी, उस समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें चप्पल दिखाए और चोर-चोर के नारे लगाए।