गौशालाओं में संरक्षित गौवंश को सर्दी से बचाने के लिए, नहीं मिली जूट की बोरी

चुनावी व्यस्तता में गौवंश को सर्दी से बचाना भूले अफसर।

सांडा-सीतापुर। गौशालाओं में संरक्षित बेसहारा गौवंश को इस चुनावी साल में सर्दी से बचाव के लिए जिम्मेदारों ने खाद्य एवं रसद विभाग से उपलब्ध कराए जाने वाली खाली जूट की बोरियों की व्यवस्था नहीं कराई। जबकि पूर्व के वर्षों में कड़ाके की सर्दी पड़ने से पूर्व आला अफसरों के निर्देश पर गौशालाओं में खाद्यन्न विभाग की ओर से जूट के खाली बोरे उपलब्ध करा दिए जाते थे। इन जूट की बोरियों से बनी झाल गौवंश को कड़ाके की ठंड से बचाने में काफी मदद करती थी। क्षेत्रवासी उमेश जायसवाल, राम शंकर सिंह, राकेश वर्मा, दिनेश मिश्रा, सुधीर सिंह, प्रताप भार्गव, दिवाकर सिंह, सुरेंद्र गुप्ता, जगदीश प्रसाद, सोनू मिश्रा, विनोद तिवारी, आनंद सैनी, संतोष सिंह, मनोज सैनी, रामलखन, शिवराज यादव, राजेश मौर्य, उपेन्द्र शुक्ला, राम चंद्र वर्मा, आदि ने बताया कि इस बार सकरन क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ आपदा के चलते किसानों के खेतों में लंबे समय तक जलभराव बना रहने से धान का पुवाल और गन्ने की पत्ती भी नष्ट हो गई थी जो गौशालाओं में संरक्षित गौवंश को  सर्दी से बचाने  में काफी मदद करती थी। ऐसी स्थिति में गौवंश को हांड कंपाती ठंड से बचाव के लिए जिम्मेदारों ने गौशालाओं में जूट के बोरों की भी व्यवस्था नहीं कराई। जिसके परिणाम स्वरुप नवजात और कमजोर गौवंश ठंड लगने से असमय दम तोड़ रहे हैं।

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