इजराइल-हमास जंग का आज पांचवां दिन है। रातभर में इजराइल ने गाजा में हमास के 200 ठिकानों पर हमले किए। इजराइली एयरफोर्स ने बताया है कि उन्होंने हमास कमांडर मोहम्मद देइफ के पिता के घर पर अटैक किया है। इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में देइफ के भाई की मौत हुई है।
इजराइल और हमास की जंग में अब तक 2,150 लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीब 1,200 इजराइली हैं। वहीं अब तक करीब 950 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है। मंगलवार रात अमेरिका का पहला ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजराइल के नेवातिम एयरबेस पर पहुंच गया।
दूसरी तरफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार जंग को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- यह युद्ध अमेरिकी विदेश नीति की विफलता है। अमेरिका फिलिस्तीनियों के हित को नजरअंदाज कर रहा है।
बाइडेन ने इजराइल के लिए मदद दोगुना करने की घोषणा की
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्ध के हालात की जानकारी ली। बाइडेन ने मंगलवार देर रात व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका इजराइल के साथ है। इजराइल में एक हजार लोगों की अमानवीय तरह से हत्याएं की गई हैं। इनमें 14 अमेरिकी नागरिक मारे गए। इजराइल में नरसंहार हुआ है। इजराइल को इस हमले का जवाब देने का अधिकार है।
इसके साथ ही उन्होंने इजराइल के लिए मदद को दोगुना करने की घोषणा की। बाइडेन ने कहा- यह आतंकवाद है, लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इजराइल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज इजराइल रवाना होंगे। उनके गुरुवार को इजराइल पहुंचने की उम्मीद है।
लेबनान के बाद सीरिया से भी इजराइल पर हुए हमले
लेबनान के बाद इजराइल पर सीरिया ने भी हमला कर दिया है। इजराइली सेना ने दावा किया कि वह सीरिया की ओर से हो रही गोलीबारी और रॉकेट हमलों का जवाब तोपखाने और मोर्टार से दे रही है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी कहा है कि फिलिस्तीनी गुट ने सीरियाई क्षेत्र से इजराइल की तरफ रॉकेट हमले किए।
दूसरी तरफ, लेबनान से भी इजराइल पर दोबारा हमला हुआ। इजराइल के मुताबिक, लेबनान से 15 रॉकेट दागे गए। ये रॉकेट इजराइल के पश्चिमी शहर गलील और दक्षिणी तटीय शहर अश्कलोन में गिरे।
जवाबी कार्रवाई में इजराइली सेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 3 ठिकानों पर हमला किया है। इससे पहले 8 अक्टूबर को लेबनान बॉर्डर से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर गोलीबारी और बम दागे थे।
आज के बड़े अपडेट्स…
मंगलवार रात अमेरिका का पहला ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजराइल के नेवातिम एयरबेस पर पहुंच गया।
इजराइली सेना ने अपने क्षेत्र में हमास के करीब 1,500 लड़ाकों के शव बरामद किए हैं।
इजराइल में घायलों की संख्या 2,900 हो गई है। वहीं, गाजा में 4,600 लोग घायल है।
नेतन्याहू ने मोदी को फोन किया
PM बेंजामिन नेतन्याहू ने 10 अक्टूबर की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। उन्होंने मोदी को जंग के बारे में पूरी जानकारी दी। इसके बाद मोदी ने ट्वीट किया- भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ हैं। हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।
इजराइल में हमास के खिलाफ बनेगी यूनिटी गवर्नमेंट
इजराइल में 1973 के बाद पहली बार यूनिटी गवर्नमेंट बनेगी। इसके लिए सत्ताधारी लिकुड पार्टी के गठबंधन ने हामी भर दी है। यानी इजराइल में ऐसी सरकार बनेगी, जिसमें सभी पार्टियां शामिल होंगी। यूनिटी गवर्नमेंट या वॉर कैबिनेट जंग के वक्त बनती है।
गाजा बॉर्डर पर इजराइल का कब्जा
10 अक्टूबर को इजराइल की सेना ने घोषणा की थी कि उन्होंने गाजा बॉर्डर पर कब्जा कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया है। दरअसल, 9 अक्टूबर को इजराइल सरकार ने अपनी सेना को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे के आदेश दिए थे।
इजराइल ने 1 लाख सैनिकों को गाजा बॉर्डर पर तैनात किया था। साथ ही 3 लाख सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा गया। इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अधिकारियों को गाजा पट्टी में खाना, पानी, बिजली और फ्यूल की सप्लाई बंद करने के भी आदेश दिए थे।
नेतन्याहू बोले- हम पर जंग थोपी गई, अब इसे हम ही खत्म करेंगे
जंग के बीच नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने हम पर हमले कर बड़ी गलती की है। हम इसकी ऐसी कीमत वसूलेंगे, जिसे हमास और इजराइल के बाकी दुश्मनों की पीढ़ियां दशकों तक याद रखेंगी।
PM नेतन्याहू ने कहा- हम युद्ध नहीं चाहते थे। हम पर बहुत क्रूर तरीके से यह थोपा गया। हमने भले ही युद्ध शुरू नहीं किया, लेकिन इसका अंत हम ही करेंगे। इजराइल सिर्फ अपने लोगों के लिए नहीं बल्कि बर्बरता के खिलाफ खड़े हर देश के लिए लड़ रहा है।
हमले से पहले मिस्र ने इजराइल को चेताया था
इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र का कहना है कि उसने ‘जंग’ के सिलसिले में इजराइल को वॉर्निंग दी थी। मिस्र के इंटेलिजेंस अफसर ने कहा- हमने इजराइल को ‘कुछ बड़ा’ होने की चेतावनी दी थी, लेकिन इजराइल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मिस्र अक्सर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता करवाता है।
दरअसल, पहले मिस्र उन अरब देशों में शामिल था, जो इजराइल को अपना दुश्मन मानते थे। मिस्र ने इजराइल के खिलाफ कई जंग भी लड़ी है। हालांकि 1973 की अरब-इजराइल जंग के 7 साल बाद ही मिस्र ने इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दी थी। तब से इसे इजराइल और फिलिस्तीन के बीच मध्यस्थता कराने वाले देश के तौर पर देखा जाता है।
मैप के जरिए देखिए इजराइल और गाजा की लोकेशन
इजराइल में 18 हजार भारतीय, सभी सुरक्षित
तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक,
इजराइल में 18,000 भारतीय रह रहे हैं। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। इजराइल पहुंचे भारतीय पर्यटकों ने दूतावास से सुरक्षित निकाले जाने की अपील की है।
दूसरी तरफ, नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनके देश के 11 स्टूडेंट मारे गए हैं, जबकि 4 स्टूडेंट घायल हैं। नेपाल के विदेश मंत्री के मुताबिक, उनके 17 छात्र किबुत्ज इलाके में थे। जहां हमास ने फायरिंग की।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन ‘
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। वहीं इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया है।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने शनिवार को कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
हमास में करीब 27 हजार लोग हैं
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, हमास में करीब 27 हजार लोग हैं। इन्हें 6 रीजनल ब्रिगेड में बांटा गया है। इसकी 25 बटालियन और 106 कंपनियां हैं। इनके कमांडर बदलते रहते हैं।
हमास में 4 विंग हैं। मिलिट्री विंग के चीफ हैं- इज अद-दीन अल कासिम। पॉलिटिकल विंग की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में हैं। इस विंग में नंबर दो पर हैं मूसा अबु मरजूक। एक और नेता हैं खालिद मशाल। इंटरनेशनल अफेयर्स के लिए यह मुस्लिम ब्रदरहुड पर निर्भर है। एक सोशल विंग भी है।
हमास का मकसद है- इजराइल के उन हिस्सों पर कब्जा करना, जहां ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं। एक स्वतंत्र देश के रूप में खुद को स्थापित करना।
कई साल बाद अब हमास इजराइल को परेशान कर पाया है। इसके सदस्य आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर इजराइली सैनिकों पर हमले करते हैं। इजराइल की ताकत के चलते अब ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही। हर बार झड़प में हमास को ही नुकसान हुआ।
इजराइल-हमास जंग का आज पांचवां दिन है। रातभर में इजराइल ने गाजा में हमास के 200 ठिकानों पर हमले किए। इजराइली एयरफोर्स ने बताया है कि उन्होंने हमास कमांडर मोहम्मद देइफ के पिता के घर पर अटैक किया है। इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में देइफ के भाई की मौत हुई है।
इजराइल और हमास की जंग में अब तक 2,150 लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीब 1,200 इजराइली हैं। वहीं अब तक करीब 950 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है। मंगलवार रात अमेरिका का पहला ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजराइल के नेवातिम एयरबेस पर पहुंच गया।
दूसरी तरफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार जंग को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- यह युद्ध अमेरिकी विदेश नीति की विफलता है। अमेरिका फिलिस्तीनियों के हित को नजरअंदाज कर रहा है।
बाइडेन ने इजराइल के लिए मदद दोगुना करने की घोषणा की
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्ध के हालात की जानकारी ली। बाइडेन ने मंगलवार देर रात व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका इजराइल के साथ है। इजराइल में एक हजार लोगों की अमानवीय तरह से हत्याएं की गई हैं। इनमें 14 अमेरिकी नागरिक मारे गए। इजराइल में नरसंहार हुआ है। इजराइल को इस हमले का जवाब देने का अधिकार है।
इसके साथ ही उन्होंने इजराइल के लिए मदद को दोगुना करने की घोषणा की। बाइडेन ने कहा- यह आतंकवाद है, लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इजराइल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज इजराइल रवाना होंगे। उनके गुरुवार को इजराइल पहुंचने की उम्मीद है।
लेबनान के बाद सीरिया से भी इजराइल पर हुए हमले
लेबनान के बाद इजराइल पर सीरिया ने भी हमला कर दिया है। इजराइली सेना ने दावा किया कि वह सीरिया की ओर से हो रही गोलीबारी और रॉकेट हमलों का जवाब तोपखाने और मोर्टार से दे रही है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी कहा है कि फिलिस्तीनी गुट ने सीरियाई क्षेत्र से इजराइल की तरफ रॉकेट हमले किए।
दूसरी तरफ, लेबनान से भी इजराइल पर दोबारा हमला हुआ। इजराइल के मुताबिक, लेबनान से 15 रॉकेट दागे गए। ये रॉकेट इजराइल के पश्चिमी शहर गलील और दक्षिणी तटीय शहर अश्कलोन में गिरे।
जवाबी कार्रवाई में इजराइली सेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 3 ठिकानों पर हमला किया है। इससे पहले 8 अक्टूबर को लेबनान बॉर्डर से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर गोलीबारी और बम दागे थे।
आज के बड़े अपडेट्स…
मंगलवार रात अमेरिका का पहला ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजराइल के नेवातिम एयरबेस पर पहुंच गया।
इजराइली सेना ने अपने क्षेत्र में हमास के करीब 1,500 लड़ाकों के शव बरामद किए हैं।
इजराइल में घायलों की संख्या 2,900 हो गई है। वहीं, गाजा में 4,600 लोग घायल है।
नेतन्याहू ने मोदी को फोन किया
PM बेंजामिन नेतन्याहू ने 10 अक्टूबर की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। उन्होंने मोदी को जंग के बारे में पूरी जानकारी दी। इसके बाद मोदी ने ट्वीट किया- भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजराइल के साथ हैं। हम हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।
इजराइल में हमास के खिलाफ बनेगी यूनिटी गवर्नमेंट
इजराइल में 1973 के बाद पहली बार यूनिटी गवर्नमेंट बनेगी। इसके लिए सत्ताधारी लिकुड पार्टी के गठबंधन ने हामी भर दी है। यानी इजराइल में ऐसी सरकार बनेगी, जिसमें सभी पार्टियां शामिल होंगी। यूनिटी गवर्नमेंट या वॉर कैबिनेट जंग के वक्त बनती है।
गाजा बॉर्डर पर इजराइल का कब्जा
10 अक्टूबर को इजराइल की सेना ने घोषणा की थी कि उन्होंने गाजा बॉर्डर पर कब्जा कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया है। दरअसल, 9 अक्टूबर को इजराइल सरकार ने अपनी सेना को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे के आदेश दिए थे।
इजराइल ने 1 लाख सैनिकों को गाजा बॉर्डर पर तैनात किया था। साथ ही 3 लाख सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा गया। इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अधिकारियों को गाजा पट्टी में खाना, पानी, बिजली और फ्यूल की सप्लाई बंद करने के भी आदेश दिए थे।
नेतन्याहू बोले- हम पर जंग थोपी गई, अब इसे हम ही खत्म करेंगे
जंग के बीच नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने हम पर हमले कर बड़ी गलती की है। हम इसकी ऐसी कीमत वसूलेंगे, जिसे हमास और इजराइल के बाकी दुश्मनों की पीढ़ियां दशकों तक याद रखेंगी।
PM नेतन्याहू ने कहा- हम युद्ध नहीं चाहते थे। हम पर बहुत क्रूर तरीके से यह थोपा गया। हमने भले ही युद्ध शुरू नहीं किया, लेकिन इसका अंत हम ही करेंगे। इजराइल सिर्फ अपने लोगों के लिए नहीं बल्कि बर्बरता के खिलाफ खड़े हर देश के लिए लड़ रहा है।
हमले से पहले मिस्र ने इजराइल को चेताया था
इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र का कहना है कि उसने ‘जंग’ के सिलसिले में इजराइल को वॉर्निंग दी थी। मिस्र के इंटेलिजेंस अफसर ने कहा- हमने इजराइल को ‘कुछ बड़ा’ होने की चेतावनी दी थी, लेकिन इजराइल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मिस्र अक्सर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता करवाता है।
दरअसल, पहले मिस्र उन अरब देशों में शामिल था, जो इजराइल को अपना दुश्मन मानते थे। मिस्र ने इजराइल के खिलाफ कई जंग भी लड़ी है। हालांकि 1973 की अरब-इजराइल जंग के 7 साल बाद ही मिस्र ने इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दी थी। तब से इसे इजराइल और फिलिस्तीन के बीच मध्यस्थता कराने वाले देश के तौर पर देखा जाता है।
मैप के जरिए देखिए इजराइल और गाजा की लोकेशन
इजराइल में 18 हजार भारतीय, सभी सुरक्षित
तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक,
इजराइल में 18,000 भारतीय रह रहे हैं। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। इजराइल पहुंचे भारतीय पर्यटकों ने दूतावास से सुरक्षित निकाले जाने की अपील की है।
दूसरी तरफ, नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनके देश के 11 स्टूडेंट मारे गए हैं, जबकि 4 स्टूडेंट घायल हैं। नेपाल के विदेश मंत्री के मुताबिक, उनके 17 छात्र किबुत्ज इलाके में थे। जहां हमास ने फायरिंग की।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन ‘
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। वहीं इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया है।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने शनिवार को कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
हमास में करीब 27 हजार लोग हैं
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, हमास में करीब 27 हजार लोग हैं। इन्हें 6 रीजनल ब्रिगेड में बांटा गया है। इसकी 25 बटालियन और 106 कंपनियां हैं। इनके कमांडर बदलते रहते हैं।
हमास में 4 विंग हैं। मिलिट्री विंग के चीफ हैं- इज अद-दीन अल कासिम। पॉलिटिकल विंग की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में हैं। इस विंग में नंबर दो पर हैं मूसा अबु मरजूक। एक और नेता हैं खालिद मशाल। इंटरनेशनल अफेयर्स के लिए यह मुस्लिम ब्रदरहुड पर निर्भर है। एक सोशल विंग भी है।
हमास का मकसद है- इजराइल के उन हिस्सों पर कब्जा करना, जहां ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं। एक स्वतंत्र देश के रूप में खुद को स्थापित करना।
कई साल बाद अब हमास इजराइल को परेशान कर पाया है। इसके सदस्य आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर इजराइली सैनिकों पर हमले करते हैं। इजराइल की ताकत के चलते अब ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही। हर बार झड़प में हमास को ही नुकसान हुआ।
इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी।