हैदराबाद में सामूहिक बलात्कार और नृशंस हत्या की शिकार डॉ प्रीति रेड्डी (बदला हुआ नाम) के चारों आरोपित आज पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गए। जैसे-जैसे यह ख़बर लोगों तक पहुँच रही है, उस पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाँ आ रही हैं। इस बीच पीड़िता के पिता ने पुलिस और सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि अब उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।
Father of the woman veterinarian on all 4 accused killed in police encounter: It has been 10 days to the day my daughter died. I express my gratitude towards the police & govt for this. My daughter's soul must be at peace now. #Telangana pic.twitter.com/aJgUDQO1po
— ANI (@ANI) December 6, 2019
इससे पहले पीड़िता के पिता ने भी मंगलवार को कहा था, “दोषियों को जितना जल्दी संभव हो, उतनी जल्दी सजा देनी चाहिए। कई कानून बनाए गए लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है। निर्भया केस को ही देख लीजिए। दोषियों को फाँसी पर लटकाना चाहिए।”
बता दें कि पूरे देश में हैवानियत भरी इस घटना की घोर निंदा हो रही थी। सभी आरोपितों को फाँसी दिए जाने की पुरज़ोर माँग उठाई जा रही थी। चारों आरोपितों में से एक माँ ने यहाँ तक कहा था उन्होंने जो जघन्य अपराध किया है, उसके लिए या तो उन्हें फाँसी दी जानी चाहिए या फिर ज़िंदा जला देना चाहिए।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद में बलात्कार के बाद डॉ प्रीति को जला देने वाले आरोपित सी चेन्ना केशवुलु की माँ ने स्थानीय मीडिया से कहा था, “मेरी ख़ुद की भी एक बेटी है, मैं मृतक लड़की के परिवार का दर्द समझ सकती हूँ।” उन्होंने कहा था कि इस हैवानियत भरे कृत्य के लिए उनके बेटे को फाँसी दे दी जानी चाहिए या फिर ज़िंदा जला दिया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि अगर ऐसी घटना पर भी अपने बेटे का बचाव करती हूँ तो लोग पूरी जिंदगी मुझसे नफरत करेंगे।
ग़ौरतलब है कि हैदराबाद में एक वेटेनरी डॉक्टर के तौर पर काम करने वाली डॉ प्रीति के साथ गैंगरेप करने के बाद आरोपितों ने उन्हें जला दिया था। इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया था। गैंगरेप के दौरान ही दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद सभी आरोपित डॉ प्रीति के शव को गाड़ी में रखकर रिंग रोड के क़रीब ले गए, जहाँ कम्बल में लिपटे उनकी लाश को उन सभी ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। गिरफ़्तारी के बाद शनिवार को मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपितों [मोहम्मद आरिफ़ (26 साल), जोल्लू शिवा (20 साल), जोल्लू नवीन कुमार (20 साल), चिन्ताकुट्टा चेन्ना केशवुलु (21 साल)] को 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया था।