भारतीय रियल्टी स्पेस का बदलाव: रियल एस्टेट की अवधारणा और विकास

जय गुरु जी एसेट डील्स एलएलपी के संस्थापक और निदेशक विनीत चेलानी

नई दिल्ली – रियल एस्टेट क्षेत्र की अलग अलग विशेषताएं और पहलू हैं। जबकि इसमें से कुछ क्षेत्रों ने महामारी के समय विस्तार किया, अन्य अभी भी मुश्किलो से उबर रहे हैं। महामारी के कारण इंडस्ट्री मांग, विशेष रूप से गोदामों, डेटा केंद्रों की मांग में बढ़ोतरी हुई। इस पैटर्न ने उद्योग के भविष्य के विस्तार के लिए नए अवसर पैदा किए।हाल ही में रियल एस्टेट कंपनी एम3एम इंडिया ने लगभग 200 करोड़ रुपये में एक हाई-एंड कमर्शियल कॉम्प्लेक्स को बनाने के लिए गुरुग्राम में 1.3 एकड़ की दो भूमि खरीदी जो मुख्य रूप से एक रिटेल स्पेस है।
रियल एस्टेट में डिजिटलीकरण की एक बड़ी लहर भी देखी और खिलाड़ियों को बदलना पड़ा और नए पैराडिग्म के अनुसार खुद को ढालना पड़ा। पिछले कई महीनों में शहरों में टियर 2 और टियर 3 के रेजिडेंशियल रियल एस्टेट की मांग में बढ़ोतरी हुई है। जीवन जीने के अच्छे तरीके, दूर के काम की स्थिति और रिवर्स माइग्रेशन की इच्छा के परिणामस्वरूप मांग बढ़ी है।
बाजार के ट्रेंड्स के अनुसार, आने वाले कुछ वर्षों में भारतीय रियल एस्टेट के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। इंडस्ट्रियल के कई टचप्वाइंट कई घटनाओं से प्रभावित होते रहेंगे, जिनमें शामिल हैं: मूल्य का निर्धारण, खरीदार का व्यवहार, जनसांख्यिकीय चेंज और आमतौर पर कच्चे माल की लागत।

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