
तिरंगे के अपमान का कौन जिम्मेदार
भास्कर समाचार सेवा
मथुरा। 15 अगस्त व 26 जनवरी को सरकारी व निजी संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है। लेकिन फ्लैग कोड में हुए बदलाव के बाद तिरंगा झंडा को अनुमति लेकर लगाना भी संभव हो गया है। जिसके बाद से तिरंगे के अपमान को लेकर अक्सर खबरें देखने को मिल जाती हैं। ऐसा ही एक मामला कस्बा राया के ब्लॉक कार्यालय पर देखने को मिला जहां खंड विकास अधिकारी के कार्यालय व पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के ठीक ऊपर लगा हुआ तिरंगा पिछले लगभग 20 दिनों से इसी अवस्था में लगभग आधा झुका हुआ फहर रहा है। लेकिन ब्लॉक पर आने वाले तमाम जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने इसे लेकर कुछ भी कहने या करने की जहमत नहीं उठाई। यहां से गुजरते हुए लोगों ने भी तिरंगे झंडे झंडे को देखा ही होगा लेकिन कमाल की बात यह रही कि इस मामले में न तो शासन-प्रशासन और ना ही स्थानीय स्तर पर कोई आवाज उठाई गई। मामले की जानकारी मिलते ही खंड विकास अधिकारी उमाकांत मुद्गल से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया जल्द ही तिरंगे झंडे को बदल दिया जाएगा। हालांकि पिछले 20 दिन से हो रहे तिरंगे के अपमान पर उन्होंने चुप्पी साध ली। विकास खंड कार्यालय के अंदर ही विद्युत उपखंड अधिकारी का भी कार्यालय है। इसको लेकर जब उपखंड अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने झुके हुए तिरंगे को देखे जाने से इनकार कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि तिरंगे के अपमान का आखिर जिम्मेदार कौन है। संभव है कि आने वाले दिनों में ब्लॉक अधिकारियों द्वारा इस तिरंगे को बदलवा दिया जाए। लेकिन इस बीच बरेली कासगंज मुख्य मार्ग के समीप हो रहे इस तिरंगे के अपमान पर आखिर कितने लोगों की नजर ना पड़ी होगी और देशभक्ति को लेकर कैसा संदेश लोगों में गया होगा।