
शनिवार को अमेरिका ने यमन में ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों के खिलाफ ताबड़तोड़ हवाई हमले शुरू कर दिए। यह कदम अमेरिका ने लाल सागर में हाउती विद्रोहियों द्वारा लगातार व्यावसायिक जहाजों को निशाना बनाए जाने के मद्देनजर उठाया। अमेरिकी हमलों में यमन की राजधानी सना में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 अन्य लोग घायल हो गए हैं।
हाउती के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सना पर किए गए इन हमलों ने शहर में भयंकर तबाही मचाई। अमेरिकी हमले उत्तरी यमन के सादा प्रांत तक जारी रहे। हाउती विद्रोहियों ने इन हमलों को “युद्ध अपराध” करार दिया और यह भी कहा कि उनके सशस्त्र बल इन हमलों के जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हाउती के प्रवक्ता ने बताया कि हमले में कम से कम नौ नागरिकों की मौत हुई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों का आदेश दिया था। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि हाउती विद्रोही अपनी गतिविधियों को बंद नहीं करते, तो अमेरिका “नरक की ऐसी बारिश” करेगा जैसी पहले कभी नहीं देखी गई होगी। उन्होंने कहा कि जब तक हाउती विद्रोही एक महत्वपूर्ण समुद्री गलियारे को निशाना बनाना नहीं छोड़ेंगे, तब तक अमेरिकी हमले जारी रहेंगे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट में कहा, “कोई भी आतंकी संगठन अमेरिकी वाणिज्यिक और नौसैनिक जहाजों को दुनिया के जलमार्गों पर स्वतंत्र रूप से आने-जाने से नहीं रोक सकता।” ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य न केवल हाउती विद्रोहियों को रोकना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि वैश्विक व्यापार में कोई विघ्न न आए।
अमेरिका ने ईरान को भी चेतावनी दी है, जो हाउती विद्रोहियों का समर्थन करता है। ट्रंप ने ईरान से कहा कि वह अब हाउती विद्रोहियों को समर्थन देना बंद कर दे, वरना उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
सना हवाई अड्डे के ऊपर काले धुएं का गुबार देखे जाने की तस्वीरें ऑनलाइन प्रसारित हो रही हैं, जो इस हमले की गंभीरता को दर्शाती हैं। अमेरिका के इन हमलों ने यमन में पहले से जारी हिंसा और संघर्ष को और भी बढ़ा दिया है, और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।