क़ुतुब अंसारी
बहराइच : पाँचवे चरण के चुनावी समर में बहराइच सुरक्षित लोक सभा क्षेत्र के लिये चुनावी अखाड़ा अपनी सजधज के साथ तैयार होकर चुनावी समर का आगाज़ कर चुका है जहां प्रत्याशियों द्वारा अपने अपने प्रतिद्वंदियों पर जुमलेबाज़ी कर एक दूसरे को जनता जनार्दन की नज़रों में गिराने का भी प्रयास शुरू कर दिया गया है।
इसी क्रम में चुनाव मैदान में ताल ठोक रही प्रमुख राजनैतिक पार्टियों में से एक भाजपा उम्मीदवार व प्रदेश उपाध्यक्ष अक्षयबर लाल गौड़ ने अपने विशेष प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री बाई फुले के प्रति अपने नामांकन के समय पत्रकारों को दिये गये एक बयान में चैलेन्ज किया था कि नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सावित्री बाई को निश्चित रूप से जेल जाना पड़ेगा, नामांकन प्रक्रिया तो समाप्त हो गयी लेकिन सावित्री बाई अभी भी खुले आसमान के नीचे घूमते हुये सीधे तौर पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को संविधान विरोधी प्रशासक बताते हुए कहती फिर रही है कि यदि एक बार फिर मोदी जी इस देश के प्रधान मंत्री बन गये
तो भारत वर्ष जो दुनिया मे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जाता है उसका लोकतांत्रिक स्वरूप समाप्त हो जायेगा और यहां की जनता फिर भविष्य में मताधिकार से वंचित हो जायेगा।जबकि अक्षयबर लाल जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और सावित्री बाई भी उनकी कनिष्ठ रह चुकी हैं,अर्थात सावित्री बाई ने भाजपा के बैनर के सहारे अपनी राजनीति प्रारम्भ करते हुये संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुये जिला पंचायत सदस्य,विधानसभा सदस्य और फिर मोदी लहर में साँसद निर्वाचित होकर मोदी जी के साथ तमाम मंचों की शोभा बढ़ाती रही हैं लेकिन बीते लगभग एक साल से सावित्री बाई के तेवर मोदी जी के लिये बगावत पर उतर आये और 2019 के चुनाव के लिये उन्होंने दूसरा घर तलाशते हुये कांग्रेस उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव मैदान में कूद आई हैं।
सावित्री बाई के बारे में बयान देते हुये अक्षयबर लाल ने आरोप लगाया था कि इन्होंने ने साल 2012 और साल 2014 के चुनाव के दौरान अपने नामांकन के समय जो हलफनामा दाखिल किया था वह झूठा और गलत है,उनमें कई बिंदुओं को उभरते हुये उन्होंने चैलेंज किया था कि उनकी मैंने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है और उस आधार पर उन्हें जेल जाने से कोई नही रोक सकता है,तो अब ये सवाल उठता है कि सावित्री बाई तो जेल नही गयीं लेकिन जैसा कि आप कह रहे हैं कि 2012 और 2014 में उन्होंने झूठा हलफनामा दाखिल किया था
तो उस समय तो आप और आपकी पार्टी उस झूठ का समर्थन कर रही थी बल्कि उन्ही की झोडी हुई बलहा सीट से ही आपको विधायक बनने का दोबारा मौका हासिल हुआ,तो तब ये बात आपके लिये सत्य थी और आज वह झूठ हो गयी।आखिर ये कैसी राजनीति है।