जकार्ता| सुनामी से बेहाल इण्डोनेशिया में मृतकों की संख्या 281 पहुंच गई है| सुनामी के कारण कई मकान जमींदोज हो गए हैं| वहां घायलों की संख्या 800 से अधिक है| राहत और बचाव के कार्य जारी हैं|
समाचार एजेंसी एएफपी ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि सुनामी में करीब 800 लोग घायल भी हुए हैं और कई लोग लापाता हैं। प्रभावित इलाकों में अब भी आपातकालीन सेवाएं पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं इंडोनेशिया के सुंडा स्ट्रेट (खाड़ी) के आसपास के तटीय इलाकों में दर्जनों लोग मारे गए हैं।।
देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी का कहना है कि सुनामी में सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि क्रेकाटोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के भीतर हुए भूस्खलन की वजह से सूनामी आई। सबसे अधिक मौतें पंडेग्लांग, दक्षिणी लांपुंग और सेरांग इलाक़ों में हुई हैं। आपदा प्रबंधन एजेंसी का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
बीबीसी के मुताबिक
केवल लामपुंग प्रांत में ही मृतकों की संख्या सैकडों में हो सकती है। हालांकि राहत और बचाव कार्य जोर-शोर से चलाए जा रहे हैं। बचाव कर्मी मकानों के मलवे में जिन्दगियां ढ़ूंढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें लाशें मिल रही हैं।—
पश्चिमी जावा का लोकप्रीय बीच रिसॉर्ट तानजुंग लेसुंग भी सूनामी की चपेट में आया है। यहां मौजूद लोगों को किसी तरह की कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। यहां भी काफी लोगों की मौत हुई है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां अनक कराकातू ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण समुद्र के भीतर भूस्खलन हुआ और यह सुनामी की वजह हो सकती है। वैज्ञानिकों ने हालांकि पूर्ण चंद्रमा के कारण समुद्र में ज्वार भाटा को भी इसकी वजह के तौर पर बताया है। सुनामी के कारण यहां 281 लोगों की मौत हो गई है तो करीब 800 घायल हो गए हैं, जबकि कई घर नष्ट हो गए। सुमात्रा और जावा में सुनामी के कारण भारी तबाही हुई है। राजधानी जकार्ता का पश्चिमी हिस्सा भी सुनामी के कारण प्रभावित हुआ है।
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विस्फोट के बाद तस्वीरें लेने में जुटे थे कि तभी उन्होंने अपनी ओर तेजी से आती समुद्री लहरों को देखा। इसके के बाद वह वहां से भाग पड़े। फिर उन्होंने देखा कि समुद्री से आई दूसरी लहर उस होटल परिसर तक पहुंच गई, जहां वह अपने परिवार के साथ ठहरे हुए थे। इसके बाद वह किसी तरह जंगलों और गांवों से होते हुए ऊंचाई वाले स्थान पर पहुंचे, जहां स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की।
इंडोनेशिया में सितंबर के आखिर में भी भूकंप व सुनामी से भारी तबाही हुई थी। सुलावेसी द्वीप में हुई इस त्रासदी में 1400 से अधिक लोगों की मौत हो गई। वहां माउंट सोपुतन नाम का ज्वालामुखी भी फटा था, जिसकी राख आसमान में 6,000 मीटर (19,700) तक उठी थी। बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद वहां शवों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्र खोदी गई थी।