अपने बच्चे को देख छलके परिजनों के आंसू
भारत सरकार का आभार व्यक्त किया
भास्कर समाचार सेवा
खटीमा। यु़द्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे खटीमा के तुषार के सुरक्षित घर लौटने पर परिजनों एवं रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। तुषार के घर पहुंचने पर परिजनों, रिश्तेदारों एवं क्षेत्रवासियों ने उसका जोरदार स्वागत किया।
विकासखंड के चकरपुर क्षेत्र के पचौरिया निवासी भगवान सिंह रूमाल का पुत्र तुषार सिंह यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वह तृतीय वर्ष का छात्र था। अचानक रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन में बमबारी शुरू कर दी। युद्ध के चलते यूक्रेन में इंडिया के लगभग बीस हजार छात्र-छात्राएं वहां फंस गए, जिसमें खटीमा के तुषार सिंह, मिताली बिष्ट, भजन सिंह, रिषभ एवं अंकुर वर्मा भी शामिल थे। छात्रों को लेकर परिजन खासे चिंतित थे। परिजनों द्वारा भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार से यूक्रेन में फंसे छात्रों को सुकशल अपने वतन वापस लाने की मांग की जा रही थी।
खटीमा के पांच छात्रों में तुषार सिंह पु़त्र भगवान सिंह सोमवार की सुबह सकुशल अपने घर पचौरिया पहुंच गया। तुषार के घर पहुंचते ही परिजन तुषार से लिपट गए। तुषार के घर पहुंचने की सूचना मिलते ही रिश्तेदार एवं ग्रामीणों का उनके घर आना शुरू हो गया। उन्होंने तुषार को माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर तुषार के आवास पर उनके यूक्रेन से आने पर केक काटा गया और साथ ही मिष्ठान वितरण किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी ने तुषार का माल्यार्पण कर स्वागत किया। तुषार ने बताया कि 24 फरवरी को अचानक रूस द्वारा शुरू की गई बमबारी से वह सहम गए थे। दो दिन तक वह अपनी यूनिवर्सिटी में बंकरों में दिन-रात काटी। 26 फरवरी को रोमानिया बॉर्डर पहुंचे। जहां से भारत सरकार द्वारा की गई फ्लाईट की व्यवस्था से वह 27 फरवरी की देर शाम दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। जहां से वह सोमवार के तड़के अपने घर पहुंचे। घर पहुंचने के बाद उन्हें सुकुन मिला है। उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद किया और यूक्रेन में फंसे छात्रों एवं भारतीयों को सुरक्षित अपने वतन वापस लाने की मांग की।
कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी ने तुषार के घर पहुंचने पर खुशी जताई। साथ ही भारत सरकार से यूक्रेन में फंसे अन्य छात्रों सहित अन्य नागरिकों को तत्काल वतन वापसी की उचित व्यवस्था करने की मांग की। इस दौरान त्रिलोक सिंह रूमाल, सुधीर वर्मा, राजू ठकुराठी, कैलाश पंत, मनोहर पांडेय, विनोद चंद, प्रकाश भट्ट, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।