नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में देश में रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देने के लिए दो कैबिनेट कमेटियों का गठन किया है, जो इन मुद्दो पर विचार करने के बाद अपने सुझाव देंगी। मोदी को अपने दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में आए धीमेपन और रोजगार सृजन के मोर्चे पर अपेक्षित सफलता नहीं मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
निवेश और आर्थिक वृद्धि के संबंध में गठित पांच सदस्यीय समिति में गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी और रेलमंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं।
रोजगार सृजन और कौशल विकास से संबंधित दस सदस्यीय कैबिनेट कमेटी के सदस्य गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री सीतारमण, रेलमंत्री पीयूष गोयल, कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय, श्रम मंत्री संतोष गंगवार और शहरी आवास एवं विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिहाई में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 5.8 प्रतिशत हो गई है तथा इस पूरे वित्तीय वर्ष में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत के लक्ष्य के विपरीत 6.8 प्रतिशत पर टिकी है। इसी तरह रोजगार के मुद्दे पर भी आंकड़े निराशाजनक हैं। श्रमशक्ति सर्वे के अनुसार जुलाई,2017 से जुलाई,2018 के दौरान बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत रही जो गत 43 वर्षों में सबसे अधिक है। चुनाव संपन्न होने के बाद नई सरकार ने बेरोजगारी के यह आंकड़े जारी किए हैं।
आर्थिक सुस्ती ने किया चिंतित
गौरतलब है कि केंद्र में गठित नई सरकार के सामने अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ गिरा। वहीं, पूरे वित्त वर्ष की आर्थिक विकास दर 6.8 प्रतिशत पर गिर गया है जो पिछले पांच साल का निचला स्तर है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.2 प्रतिशत के जीडीपी ग्रोथ रेट का लक्ष्य रखा गया था जो 0.04% से पिछड़ गया।
45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
इसी तरह, रोजगार सृजन को लेकर आए आंकड़ों ने भी सरकार को चिंता में डाला है। 30 मई को मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के एक दिन बाद ही पेरयॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) ऐनुअल रिपोर्ट (जुलाई 2017 से जुलाई 2018) जारी किया गया। सरकार की ओर से जारी इस रिपोर्ट में देश में 6.1 प्रतिशत बोरोजगारी दर होने की बात कही गई जो पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा है।