कर्नाटक में एचडी कुमार स्वामी की मुश्किलें बढ़ीं, दो निर्दलीय MLA ने छोड़ा साथ…

बेंगलुरु । राज्य के राजनीतिक नाटक के ताजा घटनाक्रम में दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। हालांकि इससे सरकार की सेहत पर फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन कांग्रेस की चिंता जरूर बढ़ गई है। दोनों विधायकों ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन दिया था।

कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक पहले ही पार्टी और गठबंधन सरकार के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं, अब दो निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी से परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। भाजपा और कांग्रेस में विधायकों की तोड़फोड़ के आरोप- प्रत्यारोपों के बीच सत्ता के समीकरण में अहम बने दो निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। समर्थन वापस लेने वाले रानीबेन्नूर से विधायक आर. शंकर और मुलबागल से विधायक एच. नागेश हैं। विधायक आर. शंकर ने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने को समर्थन वापसी का कारण बताया है।

दोनों ने मुंबई के एक होटल में समर्थन वापसी की घोषणा की। दोनों निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी की घोषणा के तत्काल बाद कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी वेणुगोपाल ने पार्टी नेताओं दिनेश गुंडूराव, जमीर अहमद और एमबी पाटिल के साथ चल रही बैठक को ख़त्म कर दिया। उन्होंने सिध्दरामय्या और जी. परमेश्वर के साथ अलग बैठक की। हालांकि निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी से गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन कांग्रेस से नाराज चल रहे कई नेताओं को अब आगे की रणनीति बनाने में आसानी होगी।

मुंबई के होटल में कांग्रेस के पांच विधायक मौजूद बताये गए हैं जबकि मंत्रिमंडल से बाहर किए गए कद्दावर नेता रमेश जारकीहोली समेत दूसरे कई नेता खासे नाराज हैं। कांग्रेस के ये सभी असंतुष्ट नेता पूरी घटनाक्रम पर गहरी नजर बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता और राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार सुबह भाजपा पर गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। भाजपा ने इसका खंडन किया और शाम होते- होते अपने विधायकों की टूट की आशंकाओं को देखते हुए भाजपा ने अपने विधायकों को दो दिनों के लिए दिल्ली बुला लिया।

बीजेपी के साथ जाएंगे निर्दलीय विधायक
निर्दलीय विधायक आर शंकर का कहना है, ‘आज मकर संक्रांति है और इस मौके पर हम सरकार में बदलाव चाहते हैं। राज्य में प्रभावी सरकार होनी चाहिए लिहाजा मैं आज ही कर्नाटक सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं।’ विधायकों का कहना है कि सरकार की कार्यप्रणाली से वे खुश नहीं हैं लिहाजा वे कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। दोनों विधायकों ने कर्नाटक के राज्यपाल को खत लिखते हुए तत्काल प्रभाव से समर्थन वापसी के अपने फैसले की जानकारी दी है।
समर्थन वापस लेने वाले दूसरे निर्दलीय विधायक एच नागेश का कहना है, ‘गठबंधन सरकार को मेरा समर्थन अच्छी और स्थिर सरकार के लिए था, जो कि यह सरकार देने में नाकाम रही। गठबंधन के सहयोगियों में कोई आपसी समझ नहीं है, इसलिए मैंने एक स्थिर सरकार के गठन के लिए बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि यह सरकार गठबंधन सरकार से अच्छा काम करेगी।’

यह है बहुमत का गणित
224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। अभी कांग्रेस-जेडीएस के कुल 116 और बीजेपी के 104 सदस्य हैं। गठबंधन सरकार को बीएसपी के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है। निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश के समर्थन वापस लेने के बाद अभी गठबंधन के पास बहुमत से 4 ज्यादा यानी 117 विधायकों का समर्थन है।

अटकलों की मानें तो बीजेपी का प्लान है कि विधानसभा की कुल संख्या को ही घटाकर 207 तक ले आया जाए जिससे कि उसके 104 विधायक बहुमत में आ जाएं। इसके लिए पार्टी को करीब 16 सदस्यों के इस्तीफे चाहिए। अगर संभावित बागी विधायकों की नाराजगी का फायदा बीजेपी को मिल भी जाता है, तो भी उसे कम से कम 16 विधायकों के इस्तीफे चाहिए होंगे।

कांग्रेस को भरोसा, नहीं टूटेंगे विधायक
कांग्रेस नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री जमीर अहमद ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी का कोई विधायक पाला नहीं बदलेगा। जमीर अहमद का कहना है, ‘हमारी पार्टी के 4-5 विधायक मुंबई में हैं। अगर विधायकों को तोड़ने की कोई कोशिश की जाएगी तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम भी कुछ बीजेपी विधायकों के संपर्क में हैं। हमने अपने 2-3 विधायकों से बात की थी जबकि अन्य विधायकों का मोबाइल स्विच ऑफ है। मैं आपको यकीन दिला सकता हूं कि कोई विधायक पार्टी नहीं छोड़ेगा।’

राज्य में बदलते सियासी हालात के बीच कई बार कांग्रेस के संकटमोचक बनकर उभरे कैबिनेट मंत्री डीके शिवकुमारको भी पूरा भरोसा है कि कुमारस्वामी सरकार को कोई खतरा नहीं है। शिवकुमार ने कहा, ‘सरकार स्थिर है। सीएम एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में जेडीएस-कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी।’ पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने भी कहा है कि बीजेपी लगातार अलोकतांत्रिक रवैया अख्तियार कर रही है लेकिन कर्नाटक में उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है।

‘बीजेपी को 4-5 विधायकों के समर्थन का इंतजार’

किसी भी तरह के दल-बदल से बचने के लिए बीजेपी ने अपने विधायकों को हरियाणा के गुरुग्राम से सटे नूंह में स्थित एक रिजॉर्ट में ठहराया है। पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा भी पार्टी के सभी विधायकों के साथ यहीं रुके हुए हैं। रिजॉर्ट में टिके बीजेपी विधायकों की एक तस्वीर भी सामने आई है। कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस एक बार फिर चर्चा में है। येदियुरप्पा के करीबी एक वरिष्ठ विधायक का कहना है कि बीजेपी के पास 12 कांग्रेस विधायकों का समर्थन है और वह अब चार से पांच अन्य विधायकों के समर्थन का इंतजार कर रही है। लोकसभा चुनाव के साथ राज्य में मध्यावधि चुनाव या फिर सरकार बनाने में बीजेपी के कामयाब होने का भरोसा जताते हुए विधायक ने कहा, ‘इस बार आपको कोई न कोई नतीजा देखने को मिलेगा।’

कुमारस्वामी ने लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
इस बीच येदियुरप्पा पर हमला करते हुए सीएम कुमारस्वामी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि ऑपरेशन लोटस 3.0 शुरू हो चुका है। बीजेपी हमारे विधायकों को लालच दे रही है। मुझे पता है कि कितना पैसा और गिफ्ट विधायकों को ऑफर किया जा रहा है। मुझे यह भी जानकारी है कि बीजेपी ने मुंबई में किसके नाम से कमरे बुक कराए थे।’
कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि बीजेपी उनकी पार्टी के विधायकों पर भी डोरे डाल रही है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को उन्होंने बताया, ‘बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार, सीएन अश्वथनारायण और अरविंद लिंबावली ने सोमवार शाम को एक जेडीएस विधायक से संपर्क किया था। 50 करोड़ कैश, मंत्री का पद और दोबारा चुनाव लड़ने के लिए 30 करोड़ रुपये का ऑफर है क्योंकि जेडीएस विधायक को इस्तीफा देकर चुनाव लड़ना होगा। इससे पता चलता है कि बीजेपी किस हद तक विधायकों को अपने पाले में करने के लिए लालच दे रही है।’

कुमारस्वामी ने यह भी कहा, ‘क्या आपको नहीं लगता कि मैं कुछ बीजेपी विधायकों से इस्तीफा नहीं दिलवा सकता? लेकिन मैं अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहता।’

येदियुरप्पा का कुमारस्वामी पर पलटवार
सीएम के आरोपों को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, ‘हमने नहीं बल्कि पहले उन्होंने (जेडीएस) पैसे और ताकत का इस्तेमाल करते हुए खरीद-फरोख्त की शुरुआत की है। वे हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश में लगे हैं। कलबुर्गी सीट से हमारे एक विधायक को खुद कुमारस्वामी ने मंत्री पद का ऑफर दिया है।’ उन्होंने भरोसा जताया कि सभी 104 बीजेपी विधायक एकजुट हैं।  येदियुरप्पा ने सत्ताधारी गठबंधन के ज्यादातर विधायकों के नाराज होने का दावा करते हुए कहा, ‘बीजेपी पर अंगुली उठाने की बजाए कुमारस्वामी को अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश करनी चाहिए।’

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