दो महीने बाद भी पुलिस को नहीं मिला कार्यवाही करने का टाइम…

अमित शुक्ला

पांचो मृतक व्यापारियों के परिजन बैठे अनशन पर

उन्नाव। शारदा नहर की घटना में मृत पांच व्यापारियों के परिजनों का लगातार बुधवार को दूसरे दिन भी कोतवाली गेट पर आमरण अनशन जारी रहा। मृतकों के परिवार के सदस्यों का आरोप है कि कोतवाली पुलिस घटना की रिपोर्ट लिखने के बाद इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस घटना का खुलासा नहीं कर सकी है। उधर मृतकों के परिवार के सदस्यों ने सत्ता दल के विधायकों पर भी वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए सड़क पर लेटकर मार्ग जाम भी कर दिया था किंतु पुलिस क्षेत्राधिकारी और कोतवाल के समझाने बुझाने पर जाम खत्म कर दिया था।
पुलिस के विरुद्ध आक्रोश के चलते मंगलवार को मृतकों के परिजन कोतवाली गेट पर आमरण अनशन पर बैठ गए। कोतवाली गेट पर आमरण अनशन पर बैठे मृतक सूरज गुप्ता के भाई भाजपा नेता नीरज गुप्ता के अनुसार घटना के समय ही उन्होंने पुलिस से पांचों व्यापारियों की सुनियोजित ढंग से हत्या किए जाने और उनके शव नहर में अलग-अलग स्थानों पर फेंके जाने की आशंका जताई थी।
घटना के खुलासे को लेकर परिजनों ने शवो को प्रमुख मार्ग पर रखकर जाम भी लगाया था। तब सदर विधायक पंकज गुप्ता और सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर तथा भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीकांत कटियार ने घटना के जल्द पर्दाफाश का आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया था। उन्होंने बताया कि तब से दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस घटना का खुलासा नहीं कर सकी है।
मृतकों के परिजनों ने मुख्यमंत्री से घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने, मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा देने तथा परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने सहित मुख्यमंत्री से मुलाकात कराए जाने की मांग उठाई है। परिजनों के अनुसार मांगे माने जाने तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। उधर नहर हादसे में मृत मिथुन देवांशी की मां सावित्री देवी व पत्नी स्वाति तथा भाई टिंकू तीनों परिजनों ने  जिले के सभी विधायकों पर वादाखिलाफी का का आरोप लगाते हुए मंगलवार की शाम नगर के नानामऊ मार्ग तिराहे पर लेट कर जाम लगा दिया। परिजनों के अनुसार उन्हें सदर विधायक पंकज गुप्ता और सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर से मृतकों के परिजनों को जिले के सभी विधायकों की ओर से कुल छः लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का आश्वासन मिला था लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ चालीस चालीस हजार रुपए ही  दिए गए हैं।
परिजनों की नाराजगी यह भी है कि सदर और सफीपुर के दो विधायकों के अलावा अन्य चार विधायक अभी तक उन्हें सांत्वना देने तक नहीं आ सके हैं। करीब आधा घंटे तक जाम लगने के बाद मौके पर पहुंचे सीओ अंबरीश भदौरिया तथा कोतवाल अरविंद सिंह ने सड़क पर लेटे तीनों परिजनों को समझा बुझाकर किसी तरह हटाया। बाद में तीनों परिजन कोतवाली गेट पर आमरण अनशन में शामिल हो गए।

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