मुकदमा लिखे हुए दो साल, पर आरोपी अभी भी फरार

उन्नाव(भास्कर)। दो साल पहले लिखे गए ठगी के मुकदमे में पुलिस एक आरोपी को गिरफ्तार कर खुद की पीठ थपथपा रही है जबकि गिरोह के चार आरोपी अभी भी फरार है।  सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर भोले भाले लोगों से ठगी करने वाले गिरोह से पीड़ितों को न्याय मिलने में हो रही देरी तमाम सवाल खड़े करती नजर आ रही है। बता दें कि वर्ष 2019 में संजय सिंह, गोल्डी सिंह, एमपी सिंह, सतवीर सिंह व आदेश के खिलाफ माखी थाना क्षेत्र के थाना गांव निवासी सूरज सिंह पुत्र स्व. रणवीर सिंह ने सदर कोतवाली में आईपीसी की धारा 147, 323, 406, 420, 467, 468, 471, व 501 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपितों ने उसके साथ साथ 13 अन्य लोगों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 8258000 रुपए की ठगी की। इसकी जानकारी उन्हें तब हुई जब वे नियुक्ति पत्र लेकर संबंधित दफ्तरों में पहुंचे। ठगी की जानकारी मिलने के सभी ने संयुक्त रूप से सदर कोतवाली में तहरीर देते हुए न्याय की गुहार लगाई थी। अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य की आकांक्षा में किसी ने गहने गिरवी रखकर तो किसी ने कर्ज लेकर रकम ठगों को सौंपी थी। इन्हीं ठगों का शिकार हुए शहर के जुराखनखेड़ा निवासी अरूण कुमार मिश्र पुत्र शिव किशोर मिश्र ने बताया कि जब वह ठगों को दी गयी रकम वापस मांगने पहुंचे तो संजय सिंह ने 25 सितम्बर 2019 को उसे 5 लाख 60 हजार की चेक दी जिसे उसने खाते में लगाया तो वह बाउंस हो गयी। चेक के बाबत जानकारी देने जब अरूण उनके घर गया तो संजय की पत्नी हमलावर हो गयी। दोबारा घर आने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

चेक बाउंस का भी मुकदमा उस पर दर्ज है। पीड़ितों ने बताया कि मामले की विवेचना कर रहे तत्कालीन चैकी प्रभारी दही हसीब अहमद से सांठ गांठ के चलते आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। वर्तमान दही चैकी प्रभारी प्रेम नारायण सरोज ने एक आरोपी सत्यवीर सिंह पुत्र एमपी सिंह को बीते दिनों गिरफ्तार किया है जबकि मामले के चार आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है। इतने लम्बे समय बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से उनकी न्याय पाने की आस अब दम तोड़ने लगी है। मामले की विवेचना कर रहे उप निरीक्षक प्रेम नारायण सरोज ने बताया कि प्रयासा जारी है जल्द ही अन्य आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

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