नई दिल्ली । किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या के प्रत्यर्पण को ब्रिटिश गृह सचिव ने स्वीकृति दे दी है। सचिव ने इस आदेश पर हस्ताक्षर पिछले तीन फरवरी को किया था। यह जानकारी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी है। प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि सचिव ने सभी तथ्यों पर विचार करते हुए माल्या के प्रत्यर्पण के कागजात पर हस्ताक्षर कर दिया है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद ने अंत में माल्या के कागजात पर हस्ताक्षर कर दिया। कई दिनों से माल्या के प्रत्यर्पण का मामला लंबित था। माल्या 2016 के दौरान देश से ब्रिटेन भाग गया था। माल्या पर लगे आरोप के मुताबिक उसने देश के बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर उसे वापस नहीं किया और देश से भाग गया।
ब्रिटेन गृह मंत्री की ओर से प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के बाद विजय माल्या ने ट्वीट किया। इस ट्वीट में विजय माल्या ने लिखा, ‘वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से 10 दिसंबर 2018 को निर्णय दिए जाने के बाद मैंने अपील करने का इरादा बनाया था। मैं गृह सचिव के फैसले से पहले अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका। अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू करूंगा।’
After the decision was handed down on December 10,2018 by the Westminster Magistrates Court, I stated my intention to appeal. I could not initiate the appeal process before a decision by the Home Secretary. Now I will initiate the appeal process.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) February 4, 2019
ब्रिटेन गृह कार्यालय ने सोमवार को बताया कि धोखाधड़ी की साजिश रचने और धनशोधन के आरोपों में गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 दिसंबर 2018 को कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देने होंगे।
विजय माल्या की प्रतिक्रिया के अलावा केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भी इस मामले पर टिप्पणी की और इसे कोलकाता में ममता बनर्जी के धरने से जोड़ा। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार माल्या को भारत लाने के रास्ते में एक और कदम आगे बढ़ चुकी है। जबकि दूसरी तरफ शारदा चिटफंड के घोटालेबाजों को बचाने के लिए विपक्ष लामबंदी कर रहा है।’
Modi Government clears one more step to get Mallya extradited while Opposition rallies around the Saradha Scamsters.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 4, 2019
प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था, क्योंकि सिर्फ गृह मंत्री ही माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं। ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के वरिष्ठतम मंत्री जावीद के कार्यालय ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि सारे मामलों पर विचार करने के बाद मंत्री ने रविवार को माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिए।
माल्या के पास अब ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील की अनुमति के लिए अर्जी देने की खातिर चार फरवरी से अगले 14 दिनों का समय है। अगर अपील को मंजूरी दे दी जाती है तो माल्या के केस पर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।
भारत ने फैसले का किया स्वागत
भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूके सरकार के फैसले का स्वागत किया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हमें माल्या के भारत प्रत्यर्पण के आदेश पर यूके होम सेक्रटरी द्वारा हस्ताक्षर करने की जानकारी मिली है। हम यूके सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। इसके साथ ही हम उनके प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया के जल्द पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।’ प्रत्यर्पण आदेश पर होम सेक्रटरी के हस्ताक्षर के बाद विजय माल्या ने कहा है, ’20 दिसंबर 2018 को वेस्टमिन्सटर मैजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद मैंने अपील करने की इच्छ जताई थी। मैं बिना होम सेक्रटरी के आदेश के अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पा रहा था, अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू करूंगा।’
अपील मंजूर तो क्या होगा?
माल्या के पास अब ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील की अनुमति के लिए अर्जी देने की खातिर 4 फरवरी से अगले 14 दिनों का वक्त है। यदि अपील को मंजूरी दे दी जाती है तो माल्या के केस पर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। दरअसल, प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मैजिस्ट्रेट का फैसला होम सेक्रटरी के पास भेजा गया था क्योंकि माल्या के प्रत्यर्पण आदेश को जारी करने का अधिकार उनके पास ही है।
कोर्ट के फैसले के बाद होम सेक्रटरी की मुहर
होम सेक्रटरी का आदेश कभी-कभार ही अदालत के फैसले के विपरीत जाता है क्योंकि उन्हें प्रत्यर्पण के कुछ सीमित पहलुओं पर ही विचार करना होता है और इस मामले में ऐसा होने की संभावना नहीं थी। इनमें एक पहलू यह भी होता है कि किसी मामले में मृत्यु दंड दिए जाने की कितनी आशंका है।
दिसंबर में कोर्ट में लगा था झटका
आपको बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इससे पहले दिसंबर में माल्या (63) ब्रिटेन की एक अदालत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी केस हार गए थे। तब कोर्ट ने उन्हें भारत के हवाले करने की अनुमति दे दी थी। ब्रिटेन की अदालत ने कहा था कि वह भारत सरकार की ओर से दिए गए विभिन्न आश्वासनों से संतुष्ट है, जिसमें जेल की एक सेल का विडियो भी शामिल था।
ब्रिटेन में रह रहे शराब कारोबारी पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर हैं। ऐसा लगता है कि माल्या को अपने खिलाफ ऐक्शन का कुछ दिन पहले ही आभास हो गया था। शायद इसी वजह से माल्या के सुर बदले थे। हाल में माल्या ने अपनी दलील में ट्वीट कर दावा किया था कि उनकी कंपनी की 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। माल्या ने यह भी कहा था कि उन्हें कर्ज देने वाले बैंक ने इंग्लैंड में अपने वकीलों को उनके खिलाफ छोटे-मोटे मामले दर्ज करने की खुली छूट दी हुई है।