एनसीपी में अकेले पड़ चुके अजित पवार ने सीएम देवेन्द्र फडणवीस को इस्तीफा सौंप दिया दिया। बताया जा रहा है कि अजित पवार पार्टी में लौट सकते हैं। अजित ने ट्वीट कर कहा कि मैं एनसीपी में हूं, और शरद पवार नेता हैं। इससे पहले राकांपा के बागी नेता अजित पवार के समर्थक माने जाने वाले चार विधायक फिर पवार खेमे में लौट आए। 23 नवंबर से लापता चारों विधायक सोमवार को अंधेरी के हयात होटल पहुंच गए और दावा किया कि वे पार्टी के साथ हैं। अब अजित पवार पूरी तरह अकेले पड़ गए, ऐसा लगता है कि चाचा से बगावत कर वे खुद बुरी तरह फंस गए हैं। शनिवार को शपथ लेने के दौरान अजित पवार अपने साथ राकांपा के करीब 10 से 12 समर्थक विधायकों को राजभवन लेकर गए थे। शपथग्रहण के बाद नौ विधायकों को दिल्ली ले जाने की योजना थी। लेकिन धनंजय मुंडे, राजेंद्र शिंगणे, संदीप क्षीरसागर, सुनील शेलके, सुनील भुसारा जैसे कई विधायक पवार खेमे में वापस लौट गए।
संजय बनसोडे को भी हवाईअड्डे पर पकड़ लिया गया। लेकिन विधायक अनिल पाटील, दौलत दरोडा और नरहरि झिरव को दिल्ली ले जाया गया था। शरद पवार को पता चला कि राकांपा के विधायकों को गुडगांव के ओबेराय होटल में रखा गया है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में स्थित पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया और विधायकों को मुंबई लाने में कामयाब रहे। विधायकों ने कहा कि उन्हें यह बताकर दिल्ली ले जाया गया था।
भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस उन पर नजर रख रही थी। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने होटल में पहुंचकर उन्हें बाहर निकाल लिया। इसके अलावा लापता कलवण सीट से विधायक नितिन पवार भी वापस लौट आए। अनिल पाटील ने कहा कि गडचिरोली जिले के विधायक धर्मराव आत्राम बीमार हैं और पिंपरी के अण्णा बनसोडे पुणे में है पार्टी दोनों से संपर्क में आ गए। सभी विधायकों के लौट आने से राकांपा का उत्साह और बढ़ गया है।