नेतृत्व करने के लिए‘सहानुभूति’को समझें


नवनील कर, मैनेजिंग डायरेक्टर, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई), इंडिया एफिलिएट, आईपीएम इंडिया
सहानुभूति: दूसरों की भावनाओं को समझने और साझा करने की क्षमता – उनकी जगह खुद को रखकर देखना – उनके अनुभव को महसूस करना… गहरी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का संकेत। कितना सरल और आसान लगता है। पर है नहीं, अगर आप जाग्रत, सतर्क और सचेतन नहीं हैं। कॉर्पोरेट दुनिया में, जहाँ ‘व्यवसायों का व्यवसाय’ सबसे महत्वपूर्ण होता है, वहाँ यह सिखाए गए मूल्य के रूप में विकसित किया जा सकता है।
दूसरों की भावनाओं को बेहतर समझने का विचार 20वीं सदी की शुरुआत से ही चर्चा का मुख्य विषय है। सहानुभूति के विषय पर बहुत सारी बातें हो चुकी हैं, और यह ऊपर से लेकर नीचे तक नेतृत्व का सबसे महत्वपूर्ण गुण है।
साईमन सिनेक ने सरल शब्दों में इसे समझाया था, ‘‘सहानुभूति का मतलब मनुष्यों की फिक्र करने से है, न केवल उनके आउटपुट की।’’
पीडब्लूसी सर्वे के मुताबिक सी-लेवल के 66 प्रतिशत एक्ज़िक्यूटिव्स ने बताया कि संस्कृति रणनीति या ऑपरेशनल मॉडल के मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, ग्लासडोर अध्ययन में सामने आया कि 77 प्रतिशत उत्तरदाता आवेदन करने से पहले वेतन के मुकाबले कंपनी की संस्कृति को ज्यादा महत्व देते हैं। इससे स्पष्ट है कि सहानुभूर्तिपूर्ण नेतृत्व संगठन की संस्कृति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संस्कृति ही निर्धारित करती है कि संगठन कर्मचारियों को कितना आकर्षित करता है, उन्हें बनाए रखने और उन्हें अपने ब्रांड का समर्थक बनाने की क्या काबिलियत रखता है। कार्यस्थल में सहानुभूति से काम का ऐसा वातावरण निर्मित हो सकता है, जो कर्मचारियों के बीच प्रसन्नता, शांति और उनके कल्याण को बढ़ावा दे। आमने-सामने बैठकर बात करने का स्थान अक्सर ईमेल ले लेता है, और लोगों के बीच बातचीत की जगह स्क्रीन ले सकती है। ज्यादा ‘भावनाशील’ होने की जरूरत बढ़ रही है, ऐसी निष्पक्ष और मानवीय भावना, जिसमें संगठन और उसके नेतृत्वगण अपनी बात पर कायम रहें।

नेतृत्व को हृदय में महसूस करना चाहिए

हर नेतृत्वकर्ता को सहयोग, टीमवर्क, और अपनेपन की भावना का विकास करना चाहिए। सहानुभूति के साथ आगे बढ़ने से टीमों को लक्ष्य प्राप्त करने और उनसे बढ़कर काम करने की प्रेरणा मिलती है। वो हाई इंपैक्ट टीमें (एचआईटी) बन जाती हैं। इस तरह की टीमें ऊर्जा, प्रोत्साहन और प्रसन्नता से भरपूर होती हैं। वो विश्वास और तालमेल के साथ काम करती हैं, जिससे उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है। डेटा ने स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों के प्रसन्न होने पर उत्पादकता में 12 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
एक सहानुभूर्तिपूर्ण नेतृत्व संगठन की कई समस्याओं का समाधान कर उत्पादकता बढ़ाता है। कंपनी में ऐसे नेतृत्वकर्ता कर्मचारियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन प्राप्त करना आसान बनाते हैं। वो विश्वास, सम्मान और सहयोग की संस्कृति का निर्माण करते हैं, जिससे सफलता प्राप्त होती है।

कॉर्पोरेट संस्कृति की आधारशिला
सहानुभूर्तिपूर्ण संस्कृति की स्थापना से सक्रिय वार्ता, सुनने, सहनिर्माण और परिणामों को संहिताबद्ध करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ स्वैच्छिक और समावेशी सहयोग के मूल्य तथा एकत्व की भावना से विकास के परिवर्तनकारी और इनोवेटिव मार्ग का निर्माण हो सकता है। नेतृत्वकर्ताओं को विचारशील जोखिमों को प्रोत्साहित करना चाहिए, वहीं अगर पिछले प्रयोगों में सुधार की जरूरत हो, तो वो भी किए जाने चाहिए। पीएमआई में हमने इस दर्शन को अपने डीएनए के तीन स्तंभों के रूप में आत्मसात किया है – ‘हम फिक्र करते हैं’, ‘हम मिलकर बेहतर बनते हैं’ और ‘हम गेमचेंजर्स हैं’।

समय की मांग
नेतृत्वकर्ताओं को कार्यबल की विकसित होती हुई जरूरतों के अनुरूप ढलना चाहिए। कर्मचारियों के लिए एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम द्वारा उन्हें महसूस होता है कि वो कनेक्टेड हैं और उन्हें सुना जा रहा है, इस प्रकार वो प्रोत्साहित रहते हैं। काम के लिए मीटिंग्स के दौरान भी, बातचीत में सकारात्मक ऊर्जा बनाकर रखना आवश्यक होता है, ताकि कर्मचारी खुद को उसका हिस्सा महसूस करें। पिछले कुछ सालों में, ऐसी परिस्थितियाँ देखने को मिलीं, जिन्होंने कई लोगों को हिलाकर रख दिया। हालाँकि सहानुभूति के दृष्टिकोण को प्राथमिकता देकर संगठन अपनी ऑपरेशनल एफिशियंसी बढ़ा सकते हैं और एक समावेशी एवं प्रोत्साहित कार्यस्थल स्थापित कर सकते हैं।


सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व टीमों के बीच विश्वास और सहयोग का वातावरण स्थापित करता है, ताकि वो अपने व्यवसायिक लक्ष्य प्राप्त कर सकें। यह कार्यबल का विकास कर उन्हें एचआईटी में बदलने का उपाय है। जब नेतृत्वकर्ता अपने कर्मचारियों को समझने का प्रयास करते हैं और पारदर्शिता को महत्व देते हैं, तब वो टीमों को सशक्त बनाकर लोगों पर केंद्रित संगठन का निर्माण करते हैं, जो व्यवसाय को सफलता की ओर ले जाता है।

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