आगामी 2019 लोग सभा चुनाव के पहले यूपी की सियासत इस कदर गरमा गयी है. कि अब भगवान को भी नेता- मंत्री नहीं छोड़ रहे. अयोध्या में राम मंदिर मामला अभी शांत नहीं हुआ था. अब हनुमान पर भी राजनीति होना शुरू को गयी है, अभी हल में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी की जाति खोजी थी, लेकिन बीजेपी के केंद्र में मंत्री ने भगवान हनुमान की नस्ल खोज ली है. अलवर में विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए आए केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि हनुमानजी दलित नहीं आर्य नस्ल के थे.
उन्होंने कहा कि हनुमान जी की जाति नहीं बल्कि नस्ल थी. केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि राम और हनुमान के समय में जाति व्यवस्था नहीं थी और उस जमाने में वर्ण व्यवस्था थी. बाल्मीक रामायण और रामचरित मानस के अनुसार उस जमाने में दलित, वंचित और शोषित नहीं थे.
राम और हनुमान आर्य जाति से हैं.
भारत वर्ष में सबसे पहले आर्य थे. इसलिए भगवान राम और हनुमान आर्य थे. सत्यपाल सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन्हें दलित बताया है तो इस बारे मे वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. गौरतलब है कि दो दिन पूर्व राजस्थान की मालाखेड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताया था. तब से इस मुद्दे पर विवाद चल रहा है.
दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने अलवर में बीजेपी उम्मीदवार के लिए बजरंगबली के नाम पर वोट देने की अपील करते हुए कहा था कि बजरंगबली दलित थे. उन्होंने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था. योगी ने कहा था कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं.
इस दौरान योगी ने अलवर जिले में कांग्रेस पर लगातार हमला बोला और जातिगत वोट बैंक को साधने की कोशिश की थी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए देवी- देवताओं और हिंदुत्व के एजेंडे को भी लोगों के बीच रखा था.