
कोलकाता। केंद्रीय राज्यमंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार की पत्नी कोयल मजूमदार के मताधिकार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि कोयल मजूमदार का नाम दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों बालुरघाट और जलपाईगुड़ी की मतदाता सूचियों में शामिल है। अब इस मुद्दे पर स्वयं सुकांत मजूमदार ने प्रतिक्रिया दी है।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद तत्काल जांच के आदेश जारी किए गए। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने दक्षिण दिनाजपुर और जलपाईगुड़ी के जिलाधिकारियों को इस बाबत रिपोर्ट तैयार कर जल्द से जल्द आयोग को भेजने का निर्देश दिया है।
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सुकांत मजूमदार ने स्पष्ट किया, “मेरी पत्नी का मायका जलपाईगुड़ी में है, इसलिए पहले उनका नाम वहां की मतदाता सूची में था। लेकिन शादी के बाद उन्होंने बालुरघाट में नाम जुड़वाया। ताकि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न हो, हमने जलपाईगुड़ी की सूची से नाम हटवाने के लिए आवेदन दे दिया है।”
आयोग के अनुसार, विवाह पूर्व कोयल चौधुरी के नाम से उनका मतदाता कार्ड था। शादी के बाद बालुरघाट में कोयल मजूमदार के नाम से नया कार्ड बनवाया गया। आरोप यह है कि उन्होंने दो अलग-अलग जगहों पर दो पहचान संख्या वाले मतदाता कार्ड रखे हैं। ऐसे में अगर दोनों जगहों पर अलग-अलग तिथियों को मतदान हो तो एक ही व्यक्ति द्वारा दो बार मतदान करने की संभावना बनती है। इसीलिए आयोग इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कर रहा है।
आयोग के सूत्रों के अनुसार, यदि कोयल मजूमदार ने चुनावी नियमों के तहत फॉर्म-8 भरकर पता बदलवाया होता, तो यह समस्या उत्पन्न नहीं होती। लेकिन उन्होंने फॉर्म-6 भरकर नया मतदाता कार्ड बनवाया, जिससे पहले वाले कार्ड के अस्तित्व की जानकारी नहीं दी गई। यही कारण है कि दोनों जगह उनका नाम मतदाता सूची में रह गया। दोनों कार्ड में उपनाम और इपिक नंबर अलग-अलग हैं, जिससे चुनाव अधिकारियों को संदेह नहीं हुआ।
फिलहाल आयोग संबंधित निर्वाचन रजिस्ट्रार को मतदाता कार्ड की तस्वीरों का मिलान कर यह तय करने की जिम्मेदारी सौंप चुका है कि क्या दोनों कार्ड एक ही व्यक्ति से संबंधित हैं। इस सप्ताह जिलास्तर से प्राप्त रिपोर्ट को राज्य आयोग दिल्ली भेजेगा।
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