विश्वविद्यालय प्रशासन मदवि में उत्कृष्ट पुस्तक संस्कृति को पुष्पित-पल्लवित करने के लिए संकल्पबद्ध है:- कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

भास्कर समाचार सेवा

रोहतक। पुस्तक पठन-पाठन संस्कृति को विश्वविद्यालय परिसर से समाज-समुदाय तक ले जाने का आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने आज विश्वविद्यालय के विवेकानंद पुस्तकालय तथा छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा आयोजित ‘एमडीयू बुक फेयर-2022’ के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय भाषण में किया।
मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह तथा राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (भारत) के निदेशक कर्नल युवराज मलिक ने इस तीन दिवसीय पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन मदवि में उत्कृष्ट पुस्तक संस्कृति को पुष्पित-पल्लवित करने के लिए संकल्पबद्ध है। कुलपति ने कहा कि पुस्तकें मनुष्य को संवेदनशील बनाती हैं तथा मानवीय मूल्यों का विकास करती हैं। भविष्य में पुस्तक महोत्सव के आयोजन, सृजनात्मक लेखन तथा स्टोरी टेलिंग एवं कंटेंट राइटिंग कार्यशालाओं के आयोजन की घोषणा कुलपति ने की। इस पुस्तक मेले के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक कर्नल युवराज मलिक ने कहा कि एग्रीकल्चर, स्पोर्टस कल्चर, यूथ कल्चर के पर्याय हरियाणा में बुक कल्चर के प्रतिष्ठापन की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एमडीयू से इस पुस्तक संस्कृति की शुरुआत होगी। कर्नल मलिक ने कहा कि साधारण मनुष्य को असाधारण बनाने की क्षमता पुस्तकों में ही समाहित है। राष्ट्र निर्माण के कार्य में युवाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए कर्नल मलिक ने कहा कि अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से चरित्र निर्माण होता है। पुस्तक अध्ययन तथा पुस्तक संस्कृति को सशक्तीकरण का माध्यम बताते हुए कर्नल मलिक ने अपने प्रेरणादायी भाषण से विद्यार्थियों को पुस्तकों से जुड़ने का आह्वान किया।
इमसार (एमडीयू) के एलुमनस कर्नल मलिक ने भविष्य में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के सहयोग से एमडीयू में पुस्तक महोत्सव तथा कार्यशाला आयोजन में सहयोग की प्रतिबद्धता जताई। इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रतिष्ठित शिक्षाविद, सामाजिक चिंतक प्रो. सीताराम व्यास ने कहा कि पुस्तकों के अध्ययन से चिंतन-मनन को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में युवा पीढ़ी तक पुस्तकों के जरिए हमारी समृद्ध विरासत तथा स्वतंत्रता संग्राम के ‘अन संग हीरोज’ की कथाएं पहुंचना चाहिए। उद्घाटन कार्यक्रम में डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. नवरतन शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. नवरतन शर्मा ने पुस्तकों के जीवन में महत्व को रेखांकित किया। विवेकानंद पुस्तकालय के लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक ने इस पुस्तक मेला तथा विवेकानंद पुस्तकालय के विकास यात्रा की जानकारी दी। पुस्तक मेला के उद्घाटन सत्र में डॉ. ज्योति चंद्रा की पुस्तक – ‘इज शुगर स्वीट’ तथा पवन गहलोत द्वारा संपादित पुस्तक – ‘नवराही’ का लोकार्पण किया गया। डॉ. ज्योति चंद्रा तथा पवन गहलोत ने पुस्तक बारे जानकारी दी। कार्यक्रम में मंच संचालन निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने किया। आभार प्रदर्शन निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने किया। इस तीन दिवसीय पुस्तक मेला में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के 52 प्रकाशन समूह भाग ले रहे हैं। आज टैगोर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में डीन, कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल प्रो. ए.एस. मान, प्रॉक्टर प्रो. एस.सी. मलिक, डीन प्रो. युद्धवीर मलिक, डीन प्रो. सुरेंद्र कुमार, चीफ वार्डन प्रो. सत्यवान बरोदा, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक गण, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के प्राध्यापक गण, शोधार्थी, विद्यार्थी, विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्य गण, विवेकानंद पुस्तकालय के स्टाफ सदस्य आदि उपस्थित रहे। ये पुस्तक मेला 11 नवंबर तक जारी रहेगा।

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