यूपी के सरकारी विभाग में इन दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ के एक आदेश से हलचल मची हुई है, जिसमें उनके वेतन पर संकट आ सकता है। दरअसल, राज्य सरकार ने पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति घोषित करने का आदेश दिया है। सरकार का आदेश है कि जो कर्मचारी 30 सितंबर तक अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं करेगा, उसे सितंबर माह का वेतन अक्टूबर में नहीं मिलेगा।
प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष 30 सितंबर तक ‘मानव संपदा पोर्टल’ पर अपनी संपत्ति का ब्योरा घोषित करें। राज्य सरकार ने आहरण और संवितरण अधिकारी (DDO) को आदेश का पालन करने वाले कर्मचारियों की समय पर समीक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही आदेश है कि अक्टूबर में केवल उन कर्मचारियों को वेतन दें, जिन्होंने संपत्ति घोषित की है।
अभी तक राज्य सरकार के 90 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है, जबकि बचे लोग इसी काम में जुटे हैं। इस हिसाब से देखें तो राज्य के कुल 8.44 लाख कर्मचारियों में 7.19 लाख ने पोर्टल पर संपत्ति का स्रोत बताया है।इससे पहले कर्मचारियों को 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्योरा देना था, जिससे सितंबर का वेतन रोक दिया गया था। हालांकि, कर्मचारियों की मांग पर समयसीमा बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया।