UP Madrasa: SC ने यूपी मदरसा एक्ट को संवैधानिक माना, इलाहबाद HC का फैसला रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मदरसा ऐक्ट को संवैधानिक मानते हुए इसे चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। तीन न्यायाधीशों की बेंच ने कहा कि मदरसा ऐक्ट पूरी तरह से संविधान के तहत है, और इसे असंवैधानिक नहीं ठहराया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मदरसों में उचित सुविधाएं और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि वहां पढ़ाई का स्तर बेहतर हो सके। शीर्ष अदालत ने कहा कि मदरसा ऐक्ट जिस भावना और उद्देश्य से बनाया गया था, उसमें कोई खामी नहीं है और इस पर सवाल उठाना उचित नहीं होगा।

इस फैसले के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें मदरसा ऐक्ट को असंवैधानिक करार दिया गया था। हाई कोर्ट ने यह कहा था कि राज्य सरकार का मदरसा ऐक्ट संविधान का उल्लंघन करता है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अंतिम रूप से अपना मत व्यक्त किया।

मदरसा ऐक्ट का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में मदरसों को सरकारी मान्यता देना और उन्हें जरूरी सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि शिक्षा का स्तर सुधार सके और छात्रों को बेहतर अवसर मिल सके।

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे मदरसों के संचालन और मान्यता की प्रक्रिया स्पष्ट हो गई है।

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