UP Panchayat Chunav 2021 : इस बार पोतों का परचम लहराना है, इन सीटों पर बुजुर्ग कर रहे प्रचार !

नोएडा
महाकवि घाघ की एक पुरानी कहावत है- बाढ़ै पूत पिता के धर्मे, खेती उपजै अपने कर्मे। यानी पिता के धर्म से पुत्र की भी तरक्की होती है लेकिन खेती में खुद मेहनत करनी पड़ती है। इससे थोड़ा आगे बढ़ते हैं। मौका है यूपी के पंचायत चुनाव का। इस बार पोतों का परचम लहराने के लिए दादा भी पसीना बहा रहे हैं। नोएडा में पोते और भतीजे का राजनीतिक करियर बनाने के लिए 60 से 80 साल के बुजुर्ग भी चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं।

धोती कुर्ता पहन, हाथ में छड़ी लेकर गांव-गांव घूमकर वोट मांग रहे हैं। कई बुजुर्गों ने बताया कि पैरों में छाले भी उनके हौसले को नहीं डिगा पा रहे हैं। यहां तक कि हर समय चौपालों पर हुक्का पीने वाले बुजुर्ग भी लग्जरी गाड़ियों में बैठकर प्रचार में जुटे हैं। चुनाव में इस बार नए युवा प्रत्याशियों को पार्टियों ने समर्थन देते हुए चुनावी मैदान में उतारा है। अब हार और जीत उनके राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाएगा। उम्मीदवारों के परिवार के बुजुर्ग दादा और चाचा, पोते-भतीजे का राजनीतिक करियर बनते देखना चाहते हैं। 60 से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी इसके लिए चुनाव प्रचार अभियान में पसीना बहा रहे हैं।

इन सीटों पर गांव-गांव घूमकर बुजुर्ग कर रहे प्रचार
बीजेपी समर्थित वॉर्ड नंबर-3 के जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी देवा भाटी के 85 साल के दादा-पोते के लिए बुजुर्गों की टोली को लेकर गांव में घूम-घूमकर प्रचार कर रहे हैं। इसी तरह वॉर्ड नंबर-2 से बीएसपी समर्थित प्रत्याशी अमन भाटी के लिए उनके ताऊ पूर्व मंत्री रहे नरेंद्र भाटी भी चुनावी मैदान में हैं। वह गांव-गांव प्रचार कर रहे हैं। वॉर्ड नंबर-3 से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी राजेंद्र फौजी के बुजुर्ग चाचा ताऊ भी गांव-गांव घूमकर प्रचार में जुटे।

चौपालों को छोड़ लग्जरी गाड़ियों में बैठकर प्रचार
देहात एरिया में बुजुर्ग गांव की चौपाल में बैठकर हुक्का पीने का चलन है। ज्यादा उम्र होने पर आसपास एरिया के बुजुर्ग एक साथ बैठकर हर रोज क्षेत्र के बारे में चर्चा करते हैं। लेकिन चुनाव में उनके पोते और भतीजे खड़े होने के कारण चौपालों को छोड़कर लग्जरी गाड़ियों में बैठकर चुनावी प्रचार कर रहे हैं।

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