प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ के कुंडा से लगतार 5 बार से निर्दलीय विधायक राजा भइया दलितों के खिलाफ सवर्णों को लामबंद करने में जुट गए हैं। अपने 25 साल के राजनैतिक सफर के पूरे होने पर राजा भइया 30 नवंबर को अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुए मतभेद के बाद से ही वे नई सियासी जमीन तलाश रहे हैं। आपको बता दें कि राजा भइया लगातार एससी-एसटी एक्ट का विरोध करते रहे हैं। जिस कारण वो अपनी एक अलग पार्टी बना सकते हैं।
लगातार 8 बार से हैं विधायक
राजा भैया बीजेपी और सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। लेकिन योगी सरकार में उनकी एंट्री मंत्रिमंडल में नहीं हो सकी है। राजा भैया लगातार आठ बार से विधायक हैं। 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं। 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे। 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। बाद में मुख्यमंत्री मायावती ने उन पर पोटा लगा दिया था। करीब 18 महीने वह जेल में रहे जिसके बाद साल 2003 में मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा लिया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया, तब से वह लगातार सपा के साथ थे।
क्रॉस वोटिंग को लेकर अखिलेश यादव से बिगड़े संबंध
अखिलेश सरकार में भी वह मंत्री बने रहे। इस बीच कुंडा में सीओ जियाउल हक की हत्या में नाम आने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। लेकिन राज्यसभा चुनाव में मायावती के उम्मीदवार को सपा का समर्थन मिलने के बाद राजा भैया ने क्रॉस वोटिंग की, जिसके बाद से दोनों के रिश्तों में खटास आ गई। इस बीच उनकी नजदीकियां बीजेपी नेताओं से भी रही, लेकिन वे योगी मंत्रीमंडल में शामिल नहीं हो सके। हालांकि यह चर्चा लगातार बनी रही कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन राजा भैया भाजपा में शामिल नहीं हुए। वहीं आपको बता दे कि उनके समर्थकों ने ऑनलाइन सर्वे देश विदेश में कराया जिसमे सबसे ज्यादा लोग नई पार्टी बनने के पक्ष में दिखे।
समर्थकों से हो रही है बातचीत
समर्थकों से बातचीत के बाद अब उन्होंने नई पार्टी बनाने का फैसला किया है। राजा भैया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी और राजा भैया यूथ ब्रिगेड व प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष पिंटू सिंह ने बताया कि नई पार्टी के गठन पर विचार चल रहा है। जल्द ही कुछ फैसला लिया जाएगा।