पार्षदों ने नगरायुक्त से मांगा बजट, लहराया भ्रष्टाचार का बैनर
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। विकास कार्यों को लेकर टाऊनहॉल में आयोजित हुई नगर निगम की बोर्ड बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। पार्षदों ने नगरायुक्त से विकास कार्यों के लिए बजट की मांग की, तो नगर आयुक्त खामोश रहें, जिसके बाद सपा, बसपा पार्षदों ने सदन का बहिष्कार करते हुए नगरायुक्त मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। हंगामा शुरू करते हुए नगरायुक्त का घेराव कर दिया। नगर निगम कर्मचारी जब नगरायुक्त को लेकर जाने लगे, तब पार्षदों ने पानी की बोतलें फेंककर अपना विरोध प्रकट किया। दूसरी ओर, सफाईकर्मी भी वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर बैठक के बाहर धरना दे रहे थे, हंगामा बढ़ने पर वे भी सदन में घुस गए। इसके बाद थाना देहलीगेट पुलिस पहुंच गई। एसपी सिटी ने पार्षदों और सफाईकर्मियों को समझाने का प्रयास किया तो वे पुलिस से भी उलझ गए। स्थिति जब बेकाबू होने पर महापौर ने बैठक को स्थिगित कर दिया, जिसका विरोध भाजपा पार्षदों ने किया।
गौरतलब है कि पहले से ही ये अनुमान था कि बुधवार को आयोजित होने वाली नगर निगम की बोर्ड बैठक हंगामेदार होगी, ठीक उसी तरह हुआ। टाऊनहॉल में बोर्ड बैठक शुरू होते ही सफाई कर्मचारियों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, हालांकि वे सदन के बाहर हंगामा कर रहे थे। बोर्ड बैठक में पार्षदों ने क्षेत्र में विकास कार्यों के बजट की मांग की। बसपा समर्थित वार्ड-8 के पार्षद और सदन के नेता धर्मवीर सिंह ने कहा, प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख रुपये का बजट पास किया गया था, लेकिन वार्ड में 20 लाख रुपये का विकास कार्य नहीं हुआ। नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है और सिफारिशों से काम हो रहे हैं। भाजपा पार्षदों ने तो बैनर ही लहरा दिया। उनहोंने गुप्ता कॉलोनी की सड़क घोटाले का मुद्दा उठा दिया। कहा कि भ्रष्ट और घोटालेबाज अफसर क्यों अब तक सीट पर जमे बैठे हैं। कागज पर 600 मीटर की सड़क धरातल पर 300 मीटर निकली। नगर आयुक्त की प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए निर्माण अनुभाग के इंजीनियरों पर कारवाई क्यों नहीं हुई? पार्षदों ने नामांतरण शुल्क वृद्धि और 213 के नोटिस भी निरस्त कर दिए। इसके साथ ही छतरी पीर से लेकर किशनपुरा तक बनाए जा रहे नाले में भी भ्रष्टाचार का आरोप पार्षदों ने लगाया। पार्षदों ने नगरायुक्त अमित पाल से जवाब मांगा, मगर नगर आयुक्त खामोश रहें। मेयर सुनीता वर्मा ने भी नगरायुक्त से जवाब देने को कहा, फिर भी वे चुप रहें। इसके बाद पार्षदों ने हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। बसपा व सपा समर्थित पार्षद उठकर बाहर चले गए, लेकिन भाजपा के पार्षद बैठे रहें और उनहोंने नगरायुक्त का पक्ष लेते हुए सदन को फिर से शुरू कर दिया।
महापौर ने बैठक को किया स्थगित
अव्यवस्था के चलते मेयर सुनीता वर्मा ने बैठक का स्थगित कर दिया। लेकिन इसके बाद भी भाजपा पार्षदों द्वारा सदन शुरू होता देख मेयर खेमे के पार्षदों ने विरोध प्रकट कर दिया। भाजपा पार्षदों ने भी विरोध किया तो देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस दौरान एक दूसरे पर बोतले फेंकी गई। हालात बिगड़ते देख नगर निगम कर्मचारी नगरायुक्त को लेकर जाने लगे तो महापौर खेमे के पार्षदों ने नगरायुक्त को घेरने का प्रयास किया। सूचना पाकर देहलीगेट थाने की पुलिस पहुंच गई। पार्षद पुलिस से भी उलझ गए। स्थिति अनियंत्रित होती देख एसपी सिटी वहां पहुंचे और उनहोंने पार्षदों व सफाई कर्मचारियों को समझाकर शांत किया।