US मीडिया का बड़ा दावा : ईरान पर हमला नाकाम, ट्रम्प ने कहा- सब झूठ फैलाया जा रहा है…

अमेरिकी मीडिया हाउस CNN और न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के बाद भी उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम तबाह नहीं हुआ है। यह दावा एक सीक्रेट रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। इस रिपोर्ट में ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद हुए नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

एक सीक्रेट सोर्स ने CNN को बताया कि हमले से ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम सिर्फ कुछ महीनों के लिए ही पीछे हुआ है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने X पर पोस्ट कर इन दावों को खारिज किया है। उन्होंने CNN और NYT की खबरों को फेक न्यूज करार दिया है।

इजराइल ईरान में 12 दिन के बाद सीजफायर

इजराइल-ईरान के बीच जंग के 12वें दिन, यानी मंगलवार को सीजफायर हो गया। दोनों देशों ने इसकी पुष्टि की है और साथ ही इस जंग में अपनी जीत का दावा किया।

इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के खिलाफ इजराइल ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जो पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। उन्होंने कहा- हम शेर की तरह उठे और हमारी दहाड़ ने तेहरान को हिला दिया।

दूसरी तरफ ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि उनका देश न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा- ‘हमने इस तकनीक को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है। हमारे वैज्ञानिकों ने बलिदान दिए हैं।’

ईरान की राजधानी तेहरान में कल विक्ट्री सेलिब्रेशन प्रोग्राम भी आयोजित किया गया। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने सबसे पहले मंगलवार तड़के 3:30 बजे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दोनों देशों में सीजफायर की जानकारी दी थी।

परमाणु एजेंसी बोली- ईरानी न्यूक्लियर प्रोग्राम सिर्फ कुछ महीनों के लिए पिछड़ा

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एसोसिएशन (IAEA) चीफ ग्रॉसी वियना में ऑस्ट्रियाई कैबिनेट की बैठक में कहा कि इजराइली और अमेरिकी हमलों ने ईरानी न्यूक्लियर प्रोग्राम को सिर्फ कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया है। ग्रॉसी ने कहा कि अभी IAEA की ​​​​​​​सर्वोच्च प्राथमिकता ईरान के परमाणु ठिकानों पर जाना है, ताकि न्यूक्लियर प्रोग्राम पर हुए हमलों के प्रभाव का आकलन किया जा सके।

ईरान ने जंग के दौरान समर्थन के लिए भारत का आभार जताया

ईरान ने इजराइल और अमेरिका के हमले के दौरान समर्थन के लिए भारत के नागरिकों, राजनीतिक दलों, सांसदों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक नेताओं, पत्रकारों और छात्रों का आभार जताया है।

नई दिल्ली में ईरान के दूतावास ने कहा कि भारत से मिले समर्थन ने ईरानी जनता को हौसला दिया। यह सिर्फ राजनीति नहीं है, बल्कि यह शांति, न्याय और अंतरराष्ट्रीय कानून के समर्थन की मिसाल है।

बयान में कहा गया कि ईरान हमेशा शांति और न्याय की बात करता है। भारत और ईरान के बीच पुराने सांस्कृतिक और मानवीय रिश्ते हैं, जो इस समर्थन को और मजबूत बनाते हैं। दूतावास ने लिखा – जय ईरान, जय हिंद।

नई दिल्ली में ईरान के दूतावास ने भारत और यहां के लोगों के लिए बयान जारी किया है।
 
नई दिल्ली में ईरान के दूतावास ने भारत और यहां के लोगों के लिए बयान जारी किया है।
 
ट्रम्प बोले- इजराइल पर गर्व, उसने ईरान की तरफ भेजे विमान वापस बुलाए

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नीदरलैंड के हेग में नाटो सेक्रेटरी जनरल मार्क रूटे के साथ बातचीत की। ट्रम्प ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर समझौता बहुत अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे इजराइल पर गर्व है क्योंकि कल उसने ईरान पर हवाई हमला न करने की मेरी अपील के बाद विमान वापस बुला लिए थे। क्योंकि इससे सीजफायर को खतरा हो सकता था।’

ईरान से हिजबुल्लाह को फंड भेजने वाली करेंसी कंपनी के हेड की मौत

इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया है कि मंगलवार को दक्षिणी लेबनान में उसके हवाई हमले में एक करेंसी एक्सचेंज कंपनी के हेड की मौत हो गई। हेथम अब्दुल्ला बकरी अल-सादिक करेंसी एक्सचेंज का हेड था। वह ईरान से हिजबुल्लाह को फंड ट्रांसफर करने में शामिल था।

इजराइली सेना का कहना है कि हेथम अब्दुल्ला की कंपनी ईरानी कुद्स फोर्स से आने वाले फंड को हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन के लिए स्टोरेज और ट्रांसफर का काम करती है। हेथम अब्दुल्ला ने फंड ट्रांसफर करने के लिए हिजबुल्लाह के साथ काम किया।

इजराइल के लेविथान नेचुरल गैस फील्ड में काम फिर शुरू होगा 

इजराइल की न्यूमेड एनर्जी का कहना है कि मिस्र और जॉर्डन को गैस सप्लाई करने वाला लेविथान नेचुरल गैस फील्ड अगले कुछ घंटों में फिर से चालू हो जाएगा। ऊर्जा मंत्रालय से इसे चालू करने की इजाजत मिल गई है। इजराइल और ईरान के बीच 13 जून को जंग शुरू होने के बाद इजराइल के तीन समुद्र में स्थित गैस फील्ड्स में से दो को बंद कर दिया गया था।

अमेरिकी विदेश मंत्री बोले- ईरान अब परमाणु हथियार से कोसों दूर है 

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने से कोसों दूर हो गया है। उन्होंने इसके लिए अमेरिकी हमलों को वजह बताया है।

न्यूज मैगजीन पॉलीटिको से बात करते हुए रुबियो ने कहा कि अमेरिकी हमलों में

ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को काफी नुकसान पहुंचा है। और अब इसकी पूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

ईरानी संसद ने परमाणु एजेंसी से सहयोग रोकने का प्रस्ताव पास किया 

ईरान की संसद ने IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के साथ सहयोग को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए विधेयक पारित किया है।

इसके तहत अब IAEA के सुपरवाइजर्स को ईरान आने से पहले सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से परमिशन लेनी होगी। साथ ही ईरान की न्यूक्लियर साइट्स की सुरक्षा से जड़ी गारंटी भी देनी होगी।

रिपोर्ट- इजराइल के पास हथियारों की कमी हुई

ईरान के साथ 12 दिन चले युद्ध के बाद इजराइली सेना के पास कुछ अहम हथियारों की भारी कमी हो गई है। यह रिपोर्ट NBC न्यूज ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से दी है। इसमें कहा गया है कि इजराइल के पास खासतौर पर गोला-बारूद की कमी हो रही है.  इजराइल सरकार ने इस रिपोर्ट पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इजराइली मंत्री बोले- दुश्मनों के खिलाफ नर्क के द्वार खोल दो

इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री बेन ग्विर इतामार ने ईरान के साथ सीजफायर के बाद बयान देते हुए कहा है कि इजराइल को अपने दुश्मनों के खिलाफ नर्क के द्वार खोल देने चाहिए।

बेन ग्विर बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के सबसे कट्टर सदस्यों में गिने जाते हैं और ईरान में सत्ता परिवर्तन की खुलकर वकालत करते रहे हैं।

ईरान के कमांडरों और वैज्ञानिकों का शनिवार को अंतिम संस्कार होगा 

ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष में मारे गए शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों का शनिवार को राजधानी तेहरान में राजकीय अंतिम संस्कार आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी IRNA ने दी है।

एजेंसी ने यह भी बताया कि 13 जून कोमारे गए रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स प्रमुख हुसैन सलामी को गुरुवार को दफनाया जाएगा।

ईरान ने 700 लोगों को गिरफ्तारी किया 

ईरान ने 12 दिन चले संघर्ष के दौरान 700 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर इजराइल से संबंध होने का आरोप है। यह जानकारी ईरान से जुड़े सरकारी मीडिया प्लेटफॉर्म नूरन्यूज़ ने दी है। इन लोगों पर संघर्ष के दौरान इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद से संबंध रखने और दुश्मन के पक्ष में काम करने का आरोप है।

ट्रम्प ने CNN की खबर को फर्जी बताया 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के तबाह न होने से जुड़ी CNN की खबर को फेक बताया है दरअसल, CNN ने एक सीक्रेट अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों के बाद उसके न्यूक्लियर प्रोग्राम का मुख्य तबाह नहीं हुआ।

ईरान पर हमले को लेकर अमेरिकी संसद की गोपनीय ब्रीफिंग टली

ट्रम्प प्रशासन ने ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्यों के लिए तय गोपनीय ब्रीफिंग को टाल दिया है।

न्यूज एजेंसी AP ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीनेट की ब्रीफिंग अब गुरुवार को होगी, ताकि रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और विदेश मंत्री मार्को रुबियो उसमें शामिल हो सकें।

वहीं, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की ब्रीफिंग शुक्रवार तक टाल दी गई है। यह जानकारी हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने दी।

ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने वाले 3 लोगों को फांसी दी 

ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी के आरोप में तीन लोगों को आज सुबह फांसी पर लटका दिया है। इनके नाम इदरीस अली, आजाद शुजाई और रसूल अहमद रसूल हैं।

यह तीसरा मामला है जब कुछ ही दिनों में इजराइल के लिए जासूसी करने वालों को फांसी दी गई है। इससे पहले रविवार और सोमवार को भी दो अन्य व्यक्तियों को इसी तरह फांसी दी जा चुकी है।

ट्रम्प का एक और यू-टर्न; कहा, ईरान से क्रूड ले सकता है चीन 

ट्रम्प ने एक और यू-टर्न लिया। उन्होंने ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील के संकेत दिए हैं। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘चीन अब ईरान से तेल खरीद सकता है। उम्मीद है, वे अमेरिका से भी काफी खरीदेंगे।’ मार्च में ईरानी तेल खरीदने पर कई चीनी कंपनियां बैन की गई थीं।

BRICS ने ईरान पर अमेरिकी और इजराइली हमलों की निंदा की 

ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर लागू होने के बाद BRICS ने एक बयान जारी कर ईरान पर हुए अमेरिकी और इजराइली हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया है।BRICS ने कहा है कि ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर हमला न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के दिशा-निर्देशों के भी खिलाफ है।

BRICS ने बयान में तनाव घटाने और मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने की अपील करते हुए कहा, “अब वक्त है कि सभी पक्ष युद्ध का रास्ता छोड़कर कूटनीति की ओर लौटें और बातचीत के जरिए समाधान निकालें।”

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