
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आज कोरोना के तीन पॉजिटिव मामले सामने आने से हड़कम्प मच गया है। इनमें एक महिला मरीज है जबकि दो वहीं के स्टॉफ हैं। इस बीच राज्य में आज कोरोना का एक मरीज स्वस्थ होने का बाद अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया गया है।
एम्स के जनसम्पर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल के अनुसार आज शाम को कोरोना के जो दो नए मामले सामने आए हैं, उनमें 26 वर्षीय एक नर्स और दूसरा यूरोलॉजी सेंटर का एक अटेंडेंट है। हालांकि इन दोनों की जिन स्थानों पर तैनाती है, वह नॉन कोरोना एरिया है। इससे पहले आज पूर्वाह्न में यहां भर्ती एक महिला मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। एम्स में भर्ती जिस महिला की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उसके बारे में संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि नैनीताल निवासी 56 वर्षीया यह महिला 22 अप्रैल को एम्स, ऋषिकेश में भर्ती हुई थी। उसे ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत थी। यह महिला नैनीताल के स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भर्ती थी, जहां इसका स्ट्रोक का उपचार चल रहा था। वहां से इसे श्रीराम मूर्ति हॉस्पिटल बरेली रेफर किया गया था। श्रीराम मूर्ति अस्पताल से इसे 22 अप्रैल को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया गया था। उन्होंने बताया कि उक्त दोनों अस्पतालों से प्राप्त रिपोर्ट में महिला रोगी का कोरोना का टेस्ट भी हुआ था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
एम्स में भर्ती इस महिला को 27 अप्रैल को बुखार आया था, जिसके कारण इसका संस्थान में कोरोना का टेस्ट किया गया। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई है। उसके बाद अस्पताल में महिला रोगी को आइसोलेट करने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि महिला के प्राइमरी कांटेक्ट में आए लोगों की जांच चल रही है। स्वामी विवेकानंद अस्पताल नैनीताल व श्रीराममूर्ति अस्पताल बरेली में इस महिला के संपर्क में करीब 50 लोग आए हैं। साथ ही महिला के साथ दो मरीज और दो अटेंडेंट को भी चिहि्नत किया गया है।
प्रो. मिश्रा ने बताया कि इस बाबत महिला जिन अस्पतालों में भर्ती रही है, वहां भी इसकी जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान में इस महिला के प्राइमरी व सेकेंड्री कांटेक्ट में आए करीब 70 से 80 स्टाफ को क्वारंटाइन करना पड़ेगा, जिसके लिए इंस्टीट्यूट में पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है, लिहाजा इसके लिए जिला प्रशासन से संपर्क स्थापित कर मदद ली जा रही है। इससे पूर्व यहां के एक नर्सिंग अधिकारी कि रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है, जो ऋषिकेश की बीस बीघा क्षेत्र का रहने वाला था। उसके बाद प्रशासन ने बीस बीघा इलाके को सील कर दिया है। प्रो. मिश्रा ने बताया कि इससे पहले संस्थान में भर्ती कोरोना संक्रमित यूरोलॉजी विभाग के नर्सिंग ऑफिसर की स्थिति में धीरे- धीरे सुधार हो रहा है।
उधर, मंगलवार को एम्स ऋषिकेस में तीन पॉजिटिव मामले आने के साथ ही प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 54 हो गई, जिनके सापेक्ष 34 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज भी किए जा चुके हैं। देहरादून जिले में कोरोना संक्रमित कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है, जिनके सापेक्ष 15 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और 16 मरीज उपचाराधीन हैं। हरिद्वार और नैनीताल जिले के 2-2 मरीज उपचाराधीन हैं। आज कुल 300 सैंपल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है जबकि आज विभिन्न अस्पतालों से 269 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। राज्य में अब तक कुल 5212 सैंपल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है 284 सैंपल की जांच प्रक्रिया अधीन है।
राज्य के अपर सचिव (स्वास्थ्य) युगल किशोर पंत के मुताबिक राज्य में कोरोना संक्रमण से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी दर 65.38 प्रतिशत है। अभी तक जांचे गए सैंपल के आधार पर औसतन एक प्रतिशत सैम्पल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है।