उत्तराखंड: अधिकारियों की तैनाती को लेकर तहसील परिसर में धरना देते प्रेस प्रतिनिधि

भास्कर समाचार सेवा

गैरसैंण। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में अधिकारियों की तैनाती को लेकर गैरसैण प्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रेस प्रतिनिधियों ने तहसील परिसर के गेट पर तीन घंटे का दैनिक उपवास शुरू कर दिया है। संगठन अध्यक्ष डॉ अवतार सिंह नेगी के अनुसार एक सप्ताह पश्चात उपवास अनशन में तब्दील कर दिया जाएगा जो मांगो पर उचित कार्यवाही किये जाने के बाद ही समाप्त होगा।

समर कैपिटल में अधिकारियों की तैनाती को खोला मोर्चा

बताते चलें कि गैरसैण को प्रदेश सरकार द्वारा समर कैपिटल घोषित किया गया व भराड़ीसैंण विधानसभा परिषर गैरसैंण में सचिव स्तरीय अधिकारी की तैनाती किये जाने की बात कही गई थी। आलम यह है कि गैरसैंण तहसील मुख्यालय में स्थित किसी भी विभाग में जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई है, जबकि कुछ विभागों में तैनात अधिकारियों को भी यहां से रुखसत कर दिया गया है। हालात यह हैं कि एसडीएम की नियुक्ति है, किंतु वे नदारद रहते हैं। तहसील में तहसीलदार नहीं है, ब्लॉक में बीडीओ नहीं है, खंड शिक्षा कार्यालय में शिक्षा अधिकरी नहीं है।

जल निगम व संस्थान में अभियंता नहीं है व राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, जीआइसी व कन्या इंटर कालेज सहित मुख्यालय के तमाम स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। इन बिंदुओं को लेकर गैरसैण प्रेस प्रतिनिधियों ने 10 नवंबर को तहसील में सांकेतिक धरना देते हुए तहसील प्रसाशन के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित कर एक माह में अधिकारियों की तैनाती की अपेक्षा की थी। समय अवधि समाप्त होने के बाबजूद इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसको लेकर प्रेस प्रतिनिधियो ने आंदोलन शुरु कर दिया है।

10 नवंबर को दिया था एक माह में तैनाती करने का अल्टीमेटम

उपवास पर बैठने वालों में डॉ. अवतार सिंह नेगी, जोध सिंह रावत, महेश जुयाल, प्रेम सिंह संगेला, पुष्कर सिंह रावत कोलखी शामिल रहे। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गंगा सिंह पंवार, जिला पंचायत सदस्य बलबीर रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य हीरा सिंह फनियाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य बीरेंद्र आर्य, सभासद नगर पंचायत कुंवर सिंह रावत आदि समर्थन देने पहुंचे।

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