उत्तरकाशी। उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “सिल्कयारा टनल में 40 नहीं बल्कि 41 लोग फंसे हुए हैं। लोगों को बचाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है ताकि उन्हें जल्द से जल्द बचाया जा सके।उन्होंने कहा, “पूरे क्षेत्र की ताकत को इस स्तर तक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है कि हम जहां बचाव कार्य कर रहे हैं, वहां तक श्रमिकों के लिए पहुंचना पूरी तरह से सुरक्षित रहे।”
जल्द से जल्द निकालने की आशा- डीएफओ बलूनी
वहीं DFO डी.पी. बलूनी ने बताया, “कुछ दूसरे विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं… टनल के ठीक ऊपर जिस स्पॉट की पहचान की गई है वहां से बोरिंग करके नीचे के लिए गड्ढा किया जाएगा। इसकी गहराई 3 से 3.5 मीटर हो सकती है। जिन एजेंसियों को बचाव कार्य दिया जा रहा है वे पहले भी इस तरह के काम कर चुकी हैं। आशा है कि हम जल्द से जल्द उन लोगों (श्रमिकों) के पास पहुंच जाएंगे।”
41 श्रमिकों को निकालना चुनौती
गौरतलब है कि चारधाम आलेवदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के रेस्क्यू अभियान दिनो-दिन चुनौतीपूर्ण बन रहा है। बीते शुक्रवार की दोपहर को रेस्क्यू अभियान के दौरान सुरंग के अंदर तब हड़कंप मच गया, जब सुरंग के अंदर सुरंग के चटकने की आवाज गूंज। आननफानन में रेस्क्यू अभियान को रोकना पड़ा। वहीं देर शाम तक सुरंग में आवाजाही प्रतिबंधित की गई। इसको लेकर आगे रेस्क्यू के लिए विशेषकों की बैठक चल रही है।
वहीं सिलक्यारा सुरंग में अतीत की घटनाओं और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, सुरंग के ढहने की आशंका है। सिलक्यारा की ओर से सुरंग के 150 मीटर से लेकर 203 मीटर तक पाइप पुशिंग की गतिविधि बंद कर दी गई है। इस क्षेत्र में देर रात को खोज बचाव टीम ने सुरक्षा के लिए ह्यूम पाइप बिछाने का कार्य शुरू किया। इसके अलावा सुरंग में स्थिति से निपटने के लिए सभी अधिकारियों और विभिन्न विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाई गई।