उत्तरकाशी आपदा : हेलिकॉप्टर से तेज़ हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, नौ यात्रियों को हेली से मातली लाया गया

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने से मची तबाही के दूसरे दिन भी भूस्खलन के कारण कई रास्ते बाधित रहे, जिससे राहत और बचाव कार्यों में कठिनाई आई। भटवाड़ी स्थित हेलीपैड से दो हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत सामग्री, खाद्य वस्तुएं और बचाव उपकरण धराली भेजे गए। सेना के हेलीकॉप्टर से भारी मशीनें भी एयरलिफ्ट की जा रही हैं। हालांकि भटवाड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक बड़ी चट्टान गिरने से आईटीबीपी, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें आगे नहीं बढ़ सकीं। मार्ग पूरी तरह ध्वस्त और क्षतिग्रस्त हो चुका है।

हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू, नौ यात्री सुरक्षित

बुधवार को मौसम साफ होते ही रेस्क्यू ऑपरेशन ने रफ्तार पकड़ी। सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें हेलीकॉप्टर से खोज और बचाव कार्यों में जुटीं। इस दौरान दो और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई। वहीं, हर्षिल में मलबे में फंसे 11 जवानों समेत कुल 13 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

जिला प्रशासन के अनुसार सेना के 10 जवानों सहित अब भी 20 लोग लापता हैं, जिनमें धराली के आठ स्थानीय युवक और नेपाली मूल के दो व्यक्ति शामिल हैं। आशंका है कि लापता लोगों की संख्या और बढ़ सकती है।

हर्षिल में बनी झील की निगरानी

आपदा के चलते तैलगाड गधेरे से आए मलबे के कारण भागीरथी नदी में अस्थायी झील बन गई है। सिंचाई विभाग की टीम ने झील का निरीक्षण किया और बताया कि जल निकासी हो रही है और फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है। झील की लंबाई लगभग 1200 मीटर और चौड़ाई 100 मीटर आंकी गई है। मलबा हटाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है, और रास्ता खुलते ही चार पोकलैंड मशीनों से काम शुरू किया जाएगा।

वायुसेना और बीआरओ की सहायता

भारी बारिश और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त मार्गों को खोलने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद से पोकलैंड मशीनों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवान भी दिन-रात मार्ग बहाल करने में जुटे हुए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने किया समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह उत्तरकाशी पहुंचकर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने और सड़क, संचार, बिजली, पेयजल तथा खाद्यान्न आपूर्ति की तत्काल बहाली के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी राहत दलों के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में इन टीमों का कार्य अनुकरणीय उदाहरण है।

एनडीआरएफ ने दी जानकारी

एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि राहत कार्यों के लिए चार टीमें तैनात की गई हैं, लेकिन सड़कों के अवरुद्ध होने से सभी धराली नहीं पहुंच सकीं। बुधवार को हेलीकॉप्टरों के माध्यम से 35 कर्मचारी घटनास्थल तक पहुंचे। अब संचार के लिए सैटेलाइट फोन काम करने लगे हैं और कर्मचारियों व निकाले गए लोगों का आवागमन हेलीकॉप्टर से जारी है।

आपदा में सेना, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयासों से राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है। लापता लोगों की तलाश और मलबा हटाने का काम लगातार किया जा रहा है।

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