उत्तरकाशी। सोशल मीडिया पर उत्तरकाशी में सैकड़ों वाहनों के मलबे में फंसने की भ्रामक सूचना प्रसारित की जा रही है, जो कि असत्य और तथ्यहीन है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि जिला मुख्यालय उत्तरकाशी व आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार रात्रि को हुई अत्यधिक वर्षा के बाद अब स्थिति सामान्य है। लिहाजा सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक सूचना प्रसारित कर जन-जीवन को प्रभावित करने का गलत प्रयास न किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तरकाशी नगर क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण उफनते नालों का पानी और मलवा सड़क पर आ जाने के कारण गोफियारा में सड़क पर पार्क किए गए कुछ दोपहिया वाहन मलवे में फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया था। प्रशासन के द्वारा एहतियान खतरे की आशंका वाले क्षेत्र को तुरंत ही खाली करा लिया गया था और पानी की निकासी व मलवे की सफाई का काम रात में ही शुरू कर गया था। इस क्षेत्र में कोई भी वाहन मलवे में नहीं दबा है और जान-माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि मंगलवार रात जिला मुख्यालय व आस-पास के क्षेत्रों में लगभग 11 बजे अत्यधिक वर्षा होने के कारण नाले उफान पर आ गए थे। इसके कारण गुफियारा, ज्ञानसू, मैणागाड, तेखला आदि क्षेत्रों में कुछ जगहों पर जलभराव होने व सड़क पर नालों से आए मलबे के फैल जाने की सूचना मिली थी। प्रशासन के द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय कर रात में ही तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में बुलाने के साथ ही प्रभावित क्षेत्र के लोगों को अलर्ट कर दिया था। साथ ही किसी भी प्रकार की संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयार की गई थी।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने रात में आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों की बैठक लेकर इस बावत रणनीति व तैयारियों पर चर्चा करने के साथ ही प्रभावित क्षेत्र में एसडीआएफ व प्रशासन की टीम को तैनात करने के आदेश दिए। इसके साथ ही प्रशासन की टीमें त्वरित कार्रवाई और लोगों को सतर्क करने व सुरक्षित स्थानों पर भेजने में जुट गई। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी द्वारा भी रात्रि में प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर लोगों को अलर्ट करने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई।
50-60 परिवारों को पहुंचाया सुरक्षित स्थानों पर-
प्रशासन द्वारा एहतियात बरतते हुए गोफियारा के निकटवर्ती जल संस्थान के परिसर से लगे क्षेत्र में रहने वाले लगभग 50-60 परिवारों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इसके साथ ही वरूणावत की तलहटी में स्थित सभी इलाकों के लोगों को सतर्क कर दिया गया था। रात्रि को ही इस क्षेत्र में एसडीआरएफ सहित विभिन्न विभागों की टीमों को भेजकर स्थिति की निगरानी की जाती रही और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को तैयार रखा गया था।
गुफियारा के निकटवर्ती क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन होने के बाद भूस्खलन का मलवा पूर्व में वरूणावत उपचार के लिए लगवाई गई सुरक्षा रेलिंग में रूकने कारण मलवा आबादी वाले क्षेत्र में नहीं आया है। इस घटना में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रशासन के द्वारा स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। वर्तमान में इस स्थान पर भूस्खलन नहीं हो रहा है। रात्रि को एहतियातन अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए लोग अब अपने घरों को लौट आए हैं और नगर में जन-जीवन सामान्य है।
गंगोत्री मार्ग पर यातायात सुचारू
गंगोत्री मार्ग सहित उत्तरकाशी-घनसाली-तिलवाड़ा मार्ग पर यातायात सुचारू है। इन मार्गों पर कुछ जगहों पर मलवा आने से रात्रि में यातायात अवरूद्ध हुआ था। बुधवार सुबह मलबे को साफ कर यातायात बहाल कर दिया गया। उधर तेखला-महिडाण्डा सड़क किमी 6 पर क्षतिग्रस्त हुई है, जिसके पुनर्निर्माण का कार्य गतिमान है। इस मार्ग पर जल्दी यातायात बहाल कर दिए जाने की संभावना है।