विद्युत विभाग के कारनामे अवैध कॉलोनियों में वैध बिजली कनेक्शन

मुरादनगर। विद्युत विभाग अवैध कॉलोनियों पर मेहरबान है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जिन कालोनियों को अवैध बताकर ध्वतीकरण सीलिंग आदि की कार्यवाही कर रहा है चाहे वह दिखावे के लिए ही क्यों न हो उससे चार कदम आगे यहां का विद्युत विभाग चल रहा है जो कि जीडीए द्वारा अवैध घोषित कॉलोनियों में विद्युत कनेक्शन देने में बिल्कुल भी देरी नहीं करता बशर्ते की कनेक्शन के लिए मुंह मांगा पैसा दे दिया जाए। जिन लोगों ने सिर ढकने लायक छोटे मकान बनाए हुए हैं। उनके लिए विद्युत विभाग के पास कई सारे बहाने हैं। कॉलोनी अवैध है ट्रांसफार्मर कम क्षमता का हैड कनेक्शन के लिए दिखाए गए स्थान की दूरी पोल से ज्यादा दूर है। ऐसे तमाम बहाने लगाकर उन उपभोक्ताओं को दौड़ाया जाता है जो अपने छोटे से आशियाने में एक बिजली का कनेक्शन चाहते हैं। वहीं यदि कनेक्शन चाहने वाले की मुलाकात विभागीय कर्मचारी से हो जाती है और सुविधा शुल्क मिल जाता है वहां कनेक्शन दिनों नहीं घंटों में ही हो जाता है। कॉलोनी काटने वाले डीलर ग्राहकों को आकर्षित करने कॉलोनी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह दर्शाने के लिए कॉलोनी के लिए ही अलग से ट्रांसफार्मर रखवा कर कनेक्शन करा लेते हैं लेकिन उसमें क्षेत्रीय विद्युत कर्मचारी तथा उच्चाधिकारियों तक रुपए पहुंचने के बाद अवैध कालोनियों को भी रोशन कर दिया जाता है ।और प्लाट खरीदने वाला भी बिजली की व्यवस्था होने के कारण जीडीए द्वारा अवैध घोषित कॉलोनी में प्लाट ले लेता है क्योंकि बिजली का सरकारी कनेक्शन उसे साफ-सुथरी निर्विवाद कॉलोनी बताने के लिए काफी होता है। विद्युत विभाग द्वारा दिए गए कनेक्शनों की यदि ईमानदारी से जांच की जाए तो विभाग का बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है। जिन कालोनियों को जीडीए ने अवैध घोषित किया हुआ है उनमें से बड़ी संख्या में ऐसी कॉलोनियां हैं जिनमें विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। इस बारे में स्थानीय उपखंड अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनका मोबाइल रेंज से बाहर आता रहा।

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